
बुलेट ट्रेन (सौजन्य सोशल मीडिया)
Mumbai News In Hindi: भारत की पहली बुलेट ट्रेन परियोजना मुंबई से अहमदाबाद तक 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर अब एक और अहम फैसले के साथ आगे बढ़ रही है।
इस रूट की पूरी सुरक्षा जिम्मेदारी रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) को सौंपी जाएगी। पहले इस कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के विकल्प पर विचार हुआ था, लेकिन लागत और तैनाती पैटर्न को देखते हुए अंतिम फैसला आरपीएफ के पक्ष में लिया गया है।
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, सीआईएसएफ ने पहले पूरे मुंबई-अहमदाबाद हाई-स्पीड नेटवर्क का सर्वे किया था। इस सर्वे में करीब 2,200 से 2,300 जवानों की जरूरत बताई गई थी। अधिकारी ने कहा कि सीआईएसएफ का काम करने का तरीका और ड्यूटी पैटर्न अलग होता है, जिसमें बड़ी संख्या में स्थायी तैनाती शामिल रहती है। इससे सुरक्षा खर्च काफी बढ़ जाता।
हालांकि, सूत्रों का कहना है कि उच्च स्तर पर लागत और संचालन के संतुलन को ध्यान में रखते हुए केवल करीब 550 सुरक्षाकर्मियों की मंजूरी दी गई। इसी कारण सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ को देने का निर्णय लिया गया।
आरपीएफ रेलवे नेटवर्क की सुरक्षा में पहले से अनुभवी है और तकनीक आधारित निगरानी के साथ कम स्टाफ में भी प्रभावी सुरक्षा देने की क्षमता रखती है। सूत्रों के मुताबिक, आरपीएफ पूरे रूट पर आधुनिक सुरक्षा उपकरणों के जरिए निगरानी करेगी।
इसमें स्मार्ट कैमरे, सेंसर, कंट्रोल रूम से रियल टाइम मॉनिटरिंग और इंटेलिजेंस इनपुट का इस्तेमाल किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि बुलेट ट्रेन की सुरक्षा केवल मैनपावर पर नहीं, बल्कि तकनीक और खुफिया जानकारी पर आधारित होगी।
अहमदाबाद, सूरत और बांद्रा में स्थापित होंगे थाने
पूरे मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन रूट पर आरपीएफ के तीन प्रमुख थाने (सुरक्षा केंद्र) प्रस्तावित हैं। इनमें गुजरात में दी अहमदाबाद और सूरत और महाराष्ट्र में एक मुंबई के बांद्रा क्षेत्र में स्थापित किए जाएंगे, इन्हीं थानों से पूरे कॉरिडोर की सुरक्षा व्यवस्था संचालित होगी।
इस रूट पर कुल 12 स्टेशन हैं जहां यात्रियों की आवाजाही और सुरक्षा जरूरतों के अनुसार तैनाती तय की जाएगी, एक अन्य अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा तैनाती हमेशा “डायनेमिक रहती है। यानी, जरूरत के अनुसार जवानों की संख्या और व्यवस्था बदली जा सकती है। तैनाती तय करते समय यात्रियों की संख्या, स्टेशन की संवेदनशीलता, तकनीकी उपकरणों की उपलब्धता और खुफिया सूचनाओं को ध्यान में रखा जाएगा।
कुल लंबाई: 508 किमी
कुल स्टेशन : 12
प्रस्तावित आरपीएफ थाने : 3
सीआईएसएफ द्वारा आंकी गई जरूरत: 2,200-2,300 जवान
मंजूर सुरक्षा बल : 550 जवान
वायडक्ट पूरा : 330 किमी
पियर (खंभे) पूरे: 408 किमी
भूमिगत सुरंग (बीकेसी-शिलफाटा): 21 किमी (5) किमी खुदाई पूरी)
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना देश की सबसे महत्वाकांक्षी रेल परियोजनाओं में से एक है। यह 508 किलोमीटर लंबा हाई-स्पीड कॉरिडोर महाराष्ट्र और गुजरात को जोड़ेगा। ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 320 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। इसके शुरू होने के बाद मुंबई से अहमदाबाद का सफर करीब दो घंटे में पूरा किया जा सकेगा।
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इससे न सिर्फ यात्रा समय घटेगा, बल्कि दोनों राज्यों के बीच व्यापार, उद्योग और रोजगार को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा, निर्माण कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहा है। दिसंबर 2025 तक उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, परियोजना का बड़ा हिस्सा जमीन से ऊपर बने लंबे पुलों (वायडक्ट) और खंभों पर खड़ा हो चुका है। नदियों पर बनने वाले पुल, शोर कम करने के लिए लगाए गए बैरियर, ट्रैक बेड और बिजली के खंभों का काम भी लगातार प्रगति पर है।
-मुंबई से नवभारत लाइव के लिए अभिषेक पाठक की रिपोर्ट






