नवरात्रि में जरूर करें इन वास्तु नियमों का पालन (सौ.सोशल मीडिया)
Navratri Ke Vastu Upay: अब पितृ पक्ष की समाप्ति के साथ ही शारदीय नवरात्रि की शुरुआत मातारानी के जयकारों की गूंज पूरे देशभर में गूंजने जा रही हैं। ऐसा माना जाता है कि, इन नौ दिनों में मां दुर्गा की उपासना सच्चे एवं निश्चल मन से की जाए तो हर बिगड़े काम बन जाते हैं। ऐसे में देवी मां को खुश करने के लिए भक्तजन पूजा-पाठ और कई तरह के उपाय भी करते हैं। जिसमे वास्तु दोष निवारण से जुड़े उपाय भी शामिल हैं।
वास्तु शास्त्र की मानें तो व्यक्ति के घर में वास्तु दोष होने घर के सदस्यों के जीवन में कोई न कोई परेशानी आती रहती है और बनते काम बिगड़ जाते हैं। ऐसे में आप नवरात्रों में इन उपायों को अपना सकते हैं, जिससे देवी जगदम्बा की कृपा आप पर बरसेगी। आइए जान लेते हैं इन उपायों के बारे में-
वास्तु के अनुसार, घर के मुख्य दरवाजे की डिजाइन, आकार और दिशा का उस घर के लोगों की तरक्की में बहुत अहम योगदान रहता है, क्योंकि यहीं से हमारे घर में उर्जा का प्रवेश होता है। ऐसे में घर में अगर सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है, तो यह सबके लिए लाभकारी होती है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।
हमेशा मुख्य दरवाजे पर साफ-सफाई बनाए रखनी चाहिए।
मुख्य द्वार पर कूड़ादान या झाड़ू आदि न रखें।
इस बात का खास ध्यान रखें कि आपका मेन गेट बिना कोई आवाज किए आसानी से खुलता और बंद होता हो।
घट स्थापना के लिए वास्तु में पूजा स्थल की उत्तर-पूर्व की दिशा को सबसे शुभ माना गया है। इसके साथ ही मातारानी की मूर्ति या फोटो को भी उत्तर-पूर्व दिशा में इस तरह से रखें कि साधन का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर हो।
देवी आराधना के लिए पूजा स्थल की दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) की दिशा सबसे ज्यादा शुभ मानी जाती है। वास्तु के मुताबिक, यह दिशा सबसे पवित्र, शुभ और सकारात्मक होती है।
कहा जाता है कि, इस दिशा में पूजा करने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। अगर किसी कारण से ईशान कोण आपके घर में उपलब्ध न हो तो उत्तर या पूर्व में किसी एक दिशा को भी चुन सकते हैं।
अगर आप नवरात्रि में अखंड ज्योत रखते हैं, तो इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर रखे। वास्तु के मुताबिक, इसे अखंड ज्योत जलाने की सही दिशा बताई गई है।
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वास्तु के अनुसार, नवरात्रि में गरीबों और जरूरतमंद लोगों को काले तिल, उड़द की दाल और भोजन का दान करना चाहिए। इससे आपके ऊपर शनि देव कृपा बरसाएंगे।