मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण में शामिल होने भुवनेश्वर पहुंचे पीएम मोदी (सोर्स-एएनआई)
भुवनेश्वर : मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राजधानी भुवनेश्वर में दिग्गजों का जमावड़ा लगने लगा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव भी भुवनेश्वर पहुंच चुके हैं। शाम पांच बजे आयोजित भव्य समारोह में मोहन चरण माझी ओडिशा के नए मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
बीजेडी के 25 वर्षों के शासन के बाद ओडिशा में नई सरकार का गठन होने जा रहा है। वहीं, बीजेपी के लिए यह पहला मौका है राज्य की सत्ता जनता ने उसके हाथों में सौंपी है। यही वजह है कि यहां शपथ ग्रहण समारोह को भव्य रूप दिया जा रहा है। जिसमें शामिल होने के लिए पीएम मोदी समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता ओडिशा पहुंच रहे हैं। मोहन चरण माझी के अलावा दो डिप्टी सीएम भी पद और गोपनीयता की शपथ लेंगे।
मोहन चरण माझी के शपथ ग्रहण का साझी बनने के लिए ओडिशा में दिग्गजों का जमावड़ा लगना शुरू हो चुका है। पीएम मोदी के अलावा यहां गृहमंत्री राजनाथ सिंह, यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ओडिशा की राजधानी पहुंच चुके हैं। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह यहां पहले से मौज़ूद हैं।
Prime Minister Narendra Modi arrives in Bhubaneswar to attend the oath ceremony of Odisha CM-designate Mohan Charan Majhi.
Governor Raghubar Das and CM-designate Mohan Charan Majhi receive him.
(Pics: Odisha Raj Bhavan) pic.twitter.com/h6qyEy67zv
— ANI (@ANI) June 12, 2024
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और छ्त्तीसगढ़ की तरह बीजेपी ने यहां भी 2 डिप्टी सीएम फार्मूला लागू किया है। जिससे वह सभी तरह के राजनीतिक समीकरण साध सके। भाजपा ने यहां सीएम पद के लिए आदिवासी चेहरे को चुना है। वहीं सवर्णों को खुश करने के लिए कनक वर्धन सिंह देव को डिप्टी सीएम पद की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके अलावा प्रवाती परिदा को डिप्टी सीएम का पद देकर भाजपा ने राज्य की आधी आबादी को भी साधने की कोशिश की है।
ओडिशा विधानसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने राज्य में एक तरफा जीत दर्ज करते हुए कुल 147 सीटों में से 78 सीटें हासिल की हैं। वहीं, दूसरी तरफ 25 साल से सत्ता में रही बीजेपी को 51 सीटें ही मिल सकी हैं। यहां कांग्रेस के खाते में महज 14 सीटें आईं तो सीपीआई (एम) भी एक सीट पर जीत हासिल करने में कामयाब रही है। इसके अलावा 3 निर्दलीय प्रत्याशी भी विधायक चुने गए हैं।