
यवतमाल की आंगनबाड़ियां अब होंगी डिजिटल (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Yavatmal Child Education Scheme: यवतमाल जिले के बच्चों को आधुनिक और तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। यवतमाल जिले के पालकमंत्री एवं मृदा व जलसंधारण मंत्री संजय राठौड़ के निरंतर प्रयासों के बाद सरकार ने नेर, दारव्हा और दिग्रस तहसील सहित पूरे यवतमाल जिले की 202 आंगनबाड़ियों को “स्मार्ट आंगनवाड़ी” के रूप में प्रायोगिक तौर पर मान्यता दी है।
यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्र के बाल शिक्षण और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐतिहासिक माना जा रहा है। इस योजना में यवतमाल, आर्णी, दारव्हा, नेर, पुसद, उमरखेड़, महागांव, घाटंजी, वणी, झरी-जामनी, रालेगांव, बाभुलगांव, कलंब और केलापुर (पांढरकवडा) की आंगनवाड़ियां शामिल हैं।
स्मार्ट आंगनवाड़ी परियोजना के अंतर्गत आधुनिक शिक्षण साधन, डिजिटल क्लासरूम, स्मार्ट लर्निंग मॉड्यूल, पोषण और स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली, स्वच्छता सुविधाएं तथा बच्चों के लिए सुरक्षित और प्रेरणादायक वातावरण तैयार किया जाएगा। यह पहल ग्रामीण स्तर पर नई पीढ़ी तक आधुनिक शिक्षा पद्धति पहुँचाने का एक अभिनव प्रयास है।
ग्रामीण बच्चों की शिक्षा की मजबूत नींव रखने, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण में सुधार लाने और उन्हें तकनीकी ज्ञान से परिचित कराने के उद्देश्य से मंत्री संजय राठौड़ ने लगातार यह मांग सरकार के समक्ष रखी थी। उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप अब यवतमाल जिला इस दिशा में अग्रणी बन गया है।
इस अवसर पर मंत्री संजय राठौड़ ने कहा कि “यवतमाल जिले के प्रत्येक बच्चे को आधुनिक, सुरक्षित और तकनीकी शिक्षा सुविधाएं उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है। स्मार्ट आंगनबाड़ी परियोजना से ग्रामीण बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के नए द्वार खुलेंगे। अगले चरण में शेष गांवों की आंगनवाड़ियों को भी इस परियोजना से जोड़ने के प्रयास जारी रहेंगे।”
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स्थानीय नागरिकों, अभिभावकों, शिक्षकों और आंगनबा ड़ी सेविकाओं ने इस निर्णय का स्वागत किया है। सभी का मानना है कि यह कदम जिले के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ा परिवर्तन लाएगा। इससे बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है।






