भूख हड़ताल (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: पिछले दो वर्षों से ज़िला परिषद स्वास्थ्य विभाग का प्रशासन बेहद ढीला-ढाला रहा है। इससे मरीज़ों के साथ-साथ कर्मचारियों को भी परेशानी हो रही है। इस स्थिति की ओर प्रशासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए नर्स और स्वास्थ्यकर्मी संघ ने मंगलवार (9 तारीख) को ज़िला परिषद के सामने ज़ोरदार विरोध प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रशासन के ख़िलाफ़ ज़ोरदार नारेबाज़ी भी की गई। विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए महाराष्ट्र राज्य नर्स और स्वास्थ्यकर्मी संघ ने 20 अगस्त को ही भूख हड़ताल और आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन प्रशासन ने समस्याओं का समाधान करने के बजाय कर्मचारियों को डराने-धमकाने का काम किया।
इसलिए 9 सितंबर से अनिश्चितकालीन क्रमिक भूख हड़ताल शुरू कर दी गई। सरकार ने गणेशोत्सव से पहले अगस्त का वेतन देने का फ़ैसला किया था। लेकिन इन कर्मचारियों को न सिर्फ़ अगस्त का, बल्कि जुलाई का भी वेतन नहीं मिला है। पिछले साल सितंबर 2024 में होने वाली पदोन्नति प्रक्रिया अगस्त 2025 के बाद भी पूरी नहीं हुई।
कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए सीईओ ने ई-ऑफिस प्रणाली शुरू की। हालाँकि, स्वास्थ्य विभाग की प्रणाली ने इस प्रणाली का मजाक उड़ाया है। एकल-स्तरीय वेतनमान के मामले दो साल से जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से वित्त विभाग तक चक्कर लगा रहे हैं। 2021-22 में प्रस्तुत समयबद्ध सुनिश्चित पदोन्नति के प्रस्ताव अभी तक लागू नहीं हुए हैं। स्वास्थ्य कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन का पत्र जारी नहीं होने के कारण वेतन तय नहीं हुआ है। इस समय कर्मचारियों द्वारा ऐसी विभिन्न समस्याएं उठाई गईं।
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नर्सों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सुबह से ही जिला परिषद के गेट पर धरना शुरू कर दिया था। उन्होंने क्रमिक भूख हड़ताल भी शुरू की और जोरदार नारेबाजी की। अंत में, शाम को जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ सुभाष ढोले ने धरना स्थल का दौरा किया और कर्मचारियों से चर्चा की। संबंधित मुद्दों पर जल्द से जल्द निर्णय लेने का आश्वासन देने के बाद कर्मचारियों ने धरना वापस ले लिया।