नहीं देने देंगे ओबीसी वर्ग से आरक्षण (सौजन्यः सोशल मीडियाि)
Hunger Strike: मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण देने की मांग को लेकर मनोज जरांगे ने 29 अगस्त से मुंबई में धरना शुरू किया है। इसके विरोध में, राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने 30 अगस्त से नागपुर के संविधान चौक पर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. बबनराव तायवाड़े और महासचिव सचिन राजुरकर की उपस्थिति में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की है। इस हड़ताल का रविवार को दूसरा दिन रहा। इससे पहले 2023 में, महाराष्ट्र सरकार ने एक पत्र देकर कहा था कि मराठा समुदाय को किसी भी हालत में ओबीसी से आरक्षण नहीं दिया जाएगा।
एक बार फिर, सरकार राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ को पत्र देकर आश्वस्त करें कि वह मराठा समुदाय को ओबीसी से आरक्षण नहीं देगी तबतक महासंघ अपनी भूख हड़ताल जारी रखेगा। 30 अगस्त को संविधान चौक पर शुरू हुई श्रृंखलाबद्ध भूख हड़ताल में राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के नामदेवराव भुयारकर, राजा चिलाटे, गणेश नाखले, राजेंद्र काकड़े, वसंतराव राऊत, हेमंत गावंडे, केशव शास्त्री, लहू राक्षे हिंगोली, चंद्रकांत हिंगे, राजू गोस्वामी, रंगराव गेचोडे आदि शामिल हो रहे हैं।
इस शृंखलाबद्ध भूख हड़ताल में विधायक अभिजीत वंजारी, विधायक प्रवीण दटके, गढ़चिरौली चिमूर लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद अशोक नेते, पूर्व पार्षद रमेश भुरसे, प्रकाश गेडाम, पूर्व पार्षद रमेश शिंगारे, गढ़चिरौली जिले के सहकारी नेता प्रकाश सावकर पोरेड्डीवार, प्राचार्य अशोक जीवतोड़े, बबलु कटरे, वीरेंद्र गोतमारे, प्राचार्य चिकटे, विकास गौर, शंकर मौलिया, सतीश इटकेलवार, पूर्व पार्षद नाना झोडे, भरतराव केंद्रे, गडचिरोली के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष और ओबीसी नेता प्रशांत वाघरे आदि ने अनशन मंडप पर जाकर अपनी शुभकामनाएं दीं। इस भूख हड़ताल को तिरले कुनबी समाज, तेली समाज संगठन, ओबीसी संघर्ष समिति गोंदिया, ओबीसी समाज संगठन नागभीड, रिपब्लिकन आठवले समूह ने समर्थन दिया है।
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राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने मराठा जाति को ओबीसी श्रेणी में शामिल न किया जाए और सामान्यतः मराठा समुदाय को कुनबी प्रमाणपत्र न दिए जाएं, भारी बारिश के कारण जिन किसानों की फसलें नष्ट हुईं, उन्हें तत्काल मुआवज़ा दिया जाए, व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में ओबीसी बच्चों के लिए शत-प्रतिशत छात्रवृत्ति लागू की जाए, विदेशी छात्रवृत्ति के लिए छात्रों की संख्या 75 से बढ़ाकर 200 की जाए, महाज्योति के लिए 1,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाए, म्हाडा और सिडको द्वारा निर्मित घरकुल योजना में ओबीसी के लिए आरक्षण लागू किया जाए आदि समेत महाराष्ट्र सरकार से 14 मांगें की गई हैं।
इस आंदोलन को नेशनल ओबीसी फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर शेषराव येलेकर, कोषाध्यक्ष गुणेश्वर अरीकर, परमेश्वर राऊत, शरद वानखेड़े, शंकर मौर्य, निखिल भूते, नाना झोडे, विनोद इंगोले, वृषभ राऊत, राहुल करंगड़े, निलेश कोढ़े, दीपक कारेमोरे, कावडू लोहकरे आदि ने समर्थन दिया।