प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स: सोशल मीडिया)
Yavatmal News In Hindi: इस वर्ष जिले में भारी वर्षा के कारण कीट और जल जनित रोगों में वृद्धि की संभावना को देखते हुए, जिला मलेरिया अधिकारी कार्यालय द्वारा डेंगू सर्वेक्षण अभियान शुरू किया गया है। इसके साथ ही नगर परिषद और मलेरिया विभाग द्वारा शहर में विभिन्न निवारक उपाय किए जा रहे हैं। इसके कारण, डेंगू रोगियों की संख्या में कमी आ रही है।
वर्ष 2023 में यवतमाल जिले में 672 डेंगू रोगी पाए गए, जिनमें से 66 रोगी केवल यवतमाल शहर में पाए गए। रोगियों की संख्या को देखते हुए नगर परिषद और जिला मलेरिया अधिकारी ने एक संयुक्त अभियान चलाया।
इस पहल के परिणामस्वरूप, वर्ष 2024 में शहर में डेंगू रोगियों की संख्या घटकर केवल 14 रह जाएगी। इसलिए अब यह डेंगू सर्वेक्षण अक्टूबर माह तक जारी रहेगा। पिछले कुछ वर्षों के आंकड़ों को देखते हुए, डेंगू पर नियंत्रण पाना चुनौतीपूर्ण रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ तनवीर शेख ने घर-घर सर्वेक्षण करने और कीट नियंत्रण उपायों को लागू करने का निर्णय लिया।
जिलाधिकारी को भी इसकी जानकारी दी गई। इसके अनुसार, वर्ष 2024 में जिला मलेरिया कार्यालय और नगर परिषद ने संयुक्त रूप से नगर परिषद क्षेत्र में घर-घर सर्वेक्षण और उपाय किए। इसके साथ ही, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की नियुक्ति करके घर-घर जाने की एक अनूठी पहल शुरू की गई। परिणामस्वरूप, 2024 में यवतमाल में केवल 14 डेंगू रोगी पाए गए। इस सकारात्मक परिणाम को देखते हुए, जिले में डेंगू सर्वेक्षण अब अक्टूबर 2025 तक जारी रहेगा। इसके तहत नगर परिषद यवतमाल द्वारा सभी वार्डों में यह पहल लागू की गई है।
150 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा प्रतिदिन घर-घर का दौरा किया जा रहा है। यवतमाल शहर की कुल जनसंख्या 2,48,939 है, जिसमें 73,490 घर शामिल हैं इस तरह, 10 दिनों में सभी घरों का प्रत्यक्ष दौरा किया जा रहा है। यह सर्वेक्षण महीने में दो बार किया जा रहा है। यह गतिविधि जुलाई से अक्टूबर तक चलाने का आदेश दिया गया है।
साल | रक्त नमूने | डेंगू के मरीज |
---|---|---|
2020 | 3237 | 62 |
2021 | 7793 | 426 |
2022 | 7892 | 88 |
2023 | 15234 | 672 |
2024 | 11075 | 248 |
2025 | 8528 | 125 |
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जिला मलेरिया अधिकारी डॉ तनवीर शेख ने कहा है कि इस अभिनव पहल के तहत, सामुदायिक कार्यकर्ता कीट जनित रोगों, टेमीफॉस गतिविधियों और अन्य निवारक उपायों के बारे में घर-घर जाकर जन जागरूकता फैलाते हैं। यह कार्रवाई नियमित रूप से युद्धस्तर पर की जा रही है। यही कारण है कि वर्ष 2025 तक यवतमाल शहर में डेंगू रोगियों की संख्या को नियंत्रित किया जा सकता है।