यवतमाल न्यूज
Pradhan Mantri Awas Yojana Hunger Strike: यवतमाल जिले के उमरखेड़ तालुका में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों के साथ धोखाधड़ी का एक गंभीर मामला सामने आया है। सोनदाभी गांव के एक लाभार्थी ने आरोप लगाया है कि मनरेगा के तहत मिलने वाली उसकी राशि को रोजगार सेवक और ग्राम पंचायत अधिकारी ने फर्जीवाड़ा करके हड़प लिया है। इस धोखाधड़ी से परेशान लाभार्थी ने अब न्याय न मिलने पर अनशन पर बैठने की चेतावनी दी है।
सोनदाभी निवासी प्रकाश मिरदोडेवाड ने उमरखेड़ पंचायत समिति के गट विकास अधिकारी (बीडीओ) को एक शिकायत पत्र सौंपा है। इसमें उन्होंने बताया कि 2023-24 में उनकी मां पंचफुलाबाई और बहन छाया अनारपल्लू के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरकुल मंजूर हुआ था। घरकुल निर्माण की प्रगति के अनुसार, उनके खाते में तीन किस्तों में एक लाख रुपये जमा भी हुए। लेकिन, मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली शेष राशि उनके खाते में नहीं पहुंची।
जांच करने पर प्रकाश को पता चला कि संबंधित रोजगार सेवक और ग्राम पंचायत अधिकारी ने चालाकी से किसी दूसरे व्यक्ति के जॉब कार्ड का इस्तेमाल किया। उन्होंने उस जॉब कार्ड को प्रकाश के घरकुल से जोड़कर उसके खाते में पैसे डलवाए और बाद में उन पैसों को हड़प लिया। इस गैरकानूनी लेनदेन का खुलासा उमरखेड़ पंचायत समिति के अभियंता द्वारा की गई जांच में हुआ।
इस धोखाधड़ी से नाराज प्रकाश मिरदोडेवाड ने अपनी शिकायत में मांग की है कि दोषी रोजगार सेवक और ग्राम पंचायत अधिकारी के खिलाफ गहन जांच की जाए। उन्होंने कहा कि उनके परिवार से हड़पी गई राशि उनसे वसूल कर उन्हें वापस दिलाई जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वह विवश होकर अनशन पर बैठ जाएंगे।
शिवसेना यूबीटी के जिला समन्वयक संजय पलसकर ने इस घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि उमरखेड़ पंचायत समिति के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजना के काम बड़े पैमाने पर चल रहे हैं, लेकिन कुछ ग्राम पंचायत अधिकारी और रोजगार सेवक गरीब लाभार्थियों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रकाश मिरदोडेवाड के परिवार के साथ करीब 60 हजार रुपये की ठगी की गई है, जिसमें प्रशासन को भी गुमराह किया गया।
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पलसकर ने बीडीओ से इस मामले पर तुरंत ध्यान देने और ऐसे गैरकानूनी कामों पर लगाम लगाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पात्र लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ सुचारू रूप से मिलना चाहिए, अन्यथा उनकी पार्टी आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी। यह घटना ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में पारदर्शिता की कमी और भ्रष्टाचार की समस्या को उजागर करती है, जिससे सबसे ज्यादा गरीब और जरूरतमंद लोग प्रभावित होते हैं।
(एजेंसी इनपुट के साथ)