सीएम देवेंद्र फडणवीस (सौ. सोशल मीडिया )
Yavatmal News In Hindi: समाज के गरीब, वंचित और दुर्बल वर्ग को मुख्य धारा में लाकर उनके सर्वांगीण विकास के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनके एकात्म मानव दर्शन और अंत्योदय के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने के लिए दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान सशक्त प्रतीक बनेगा।
ऐसा गौरवोद्गार मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आज यवतमाल में व्यक्त किया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने यवतमाल स्थित दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान की ओर से आयोजित पंडित दीनदयाल उपाध्याय जयंती समारोह का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर जलसंधारण मंत्री एवं पालकमंत्री संजय राठौड़, आदिवासी विकास मंत्री प्रा। डॉ। अशोक उईके, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर, पूर्व विधायक मदन येरावार, संस्थान के अध्यक्ष नरहर देव, पदाधिकारी ज्योति चव्हाण, डॉ। मनोज पांडे, विजय कद्रे, मनीष गंजीवाले, गजानन परसोडकर आदि मंचासीन थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान जो लगभग 25 वर्ष पूर्व आरंभ हुआ था, आज एक विशाल वटवृक्ष की तरह फैल चुका है।
Pandit Deendayal Upadhyaya Ji’s Philosophy of Ekatma Manav Darshan and Antyodaya Guiding Nation’s Transformation Attended the Pandit Deendayal Upadhyaya Jayanti Samaroh at Yavatmal organised by Deendayal Seva Pratishthan. The institution has stood as a lifeline for women from… https://t.co/zHb2fwW4e4 pic.twitter.com/pKQssBuUPp — Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) September 29, 2025
यह संस्थान आत्महत्याग्रस्त किसान परिवारों की महिलाओं तथा अति पिछड़े घुमंतू समाज के लिए सहारा बना है। पंडित दीनदयाल के विचारों पर आधारित यह कार्य समाज परिवर्तन का जीवंत उदाहरण है। समारोह से पूर्व मुख्यमंत्री ने दीनदयाल सेवा प्रतिष्ठान के परिसर में बने विभिन्न प्रकल्पों का दौरा किया। इसमें प्रशिक्षण प्रबोधिनी, शबरी अतिथि गृह, छात्रावास, प्रशिक्षण कक्ष, कृषि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र आदि शामिल थे। इस अवसर पर उन्होंने पौंधारोपण भी किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि जब पूरी दुनिया पूंजीवाद और साम्यवाद की विचारधारा में उलझी थी, तब दीनदयाल ने तीसरी भारतीय विचारधारा प्रस्तुत की। उनका मूल सिद्धांत ‘अंत्योदय’ था, यानी समाज के अंतिम व्यक्ति के विकास से ही राष्ट्र का विकास। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी विचारधारा पर काम करते हुए गरीबों को घर, शौचालय, गैस, बिजली और रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। पिछले 10 वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए और भारत चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। अब तक 13 लाख हेक्टेयर भूमि प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाई गई है। इसके साथ ही ‘लखपति दीदी योजना’ के माध्यम से राज्य की एक करोड़ महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
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पारधी समाज के उत्थान में भी प्रतिष्ठान ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर विशेष काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल का कार्य किसी पुरस्कार के लिए नहीं था, उनके विचार अमर हैं।भले ही उनकी हत्या हुई हो, लेकिन उनके विचार और तेज गति से फैलकर आज प्रधानमंत्री मोदी के माध्यम से पूरी दुनिया के सामने हैं।समारोह से पहले मुख्यमंत्री फडणवीस ने पंडित दीनदयाल के स्मारक स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मूर्तिकार सुजीत गौड़ और स्वाती गौड़ का सम्मान किया गया।