मध्य रेलवे में ऑप्टिकल ग्राउंड वायर (pic credit; social media)
Optical Ground Wire in Central Railway: सेंट्रल रेलवे ने अपनी संचार और सुरक्षा प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जीएम धर्मवीर मीणा ने आसनगांव के पास 110 केवी नॉर्थ-ईस्ट ट्रांसमिशन लाइन पर ऑप्टिकल ग्राउंड वायर सिस्टम का लोकार्पण किया। इस तकनीक के तहत रेल पटरियों के दोनों ओर 96-फाइबर केबल स्थापित की जाएगी, जो ओवरहेड बिजली लाइनों में ही फिट होगी।
रेलवे अधिकारियों के अनुसार, इस नई प्रणाली से 4G कवच नेटवर्क, ऑटोमैटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और ट्रैक रोलिंग स्टॉक मॉनिटरिंग जैसे भविष्य के IoT सिस्टम को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही अंडरग्राउंड ऑप्टिकल के मुकाबले इसे तेजी से स्थापित किया जा सकता है और रखरखाव भी आसान होगा।
सेंट्रल रेलवे का कहना है कि यह तकनीक न केवल रेलवे के आंतरिक उपयोग के लिए लाभकारी होगी बल्कि अन्य एजेंसियों को लीज पर देकर अतिरिक्त राजस्व भी उत्पन्न किया जा सकता है। रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि ऑप्टिकल ग्राउंड वायर सिस्टम से ट्रेनों की समयबद्धता बढ़ेगी और आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया की सुविधा मिलेगी।
जीएम धर्मवीर मीणा ने बताया कि यह पहल यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए की गई है। उन्होंने कहा कि आधुनिक तकनीक और डिजिटल निगरानी के माध्यम से रेलवे संचालन में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि भविष्य में इस तकनीक को पूरे नेटवर्क में फैलाने की योजना है।
रेल यात्रियों के लिए यह सिस्टम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। अब बिजली लाइनों की स्थिति, सिग्नल प्रणाली और ट्रैक की निगरानी वास्तविक समय में की जा सकेगी। इससे दुर्घटनाओं की संभावना घटेगी और किसी भी आपात स्थिति में रेलकर्मियों को तुरंत सूचना मिल सकेगी।
रेलवे अधिकारियों ने यह भी कहा कि ऑप्टिकल ग्राउंड वायर सिस्टम की स्थापना से नई तकनीक में प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। भविष्य में रेलवे नेटवर्क और स्मार्ट शहरों के लिए IoT आधारित निगरानी प्रणाली को मजबूत करने में यह