चंद्रकांत पाटिल शिंदे सेना में शामिल (pic credit; social media)
Navi Mumbai News: नवी मुंबई में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है क्योंकि नवी मुंबई के जिलाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने अपने समर्थकों के साथ एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होकर शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। पिछले कुछ समय से चंद्रकांत पाटिल पार्टी के भीतर असंतुष्ट चल रहे थे।
शशिकांत शिंदे के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने सार्वजनिक मंच से खुद को मुक्त करने का प्रस्ताव भी रखा था। उस समय पार्टी ने उनके प्रस्ताव को खारिज करते हुए नवी मुंबई में संगठन मजबूत करने का भरोसा दिया था, लेकिन असंतोष अभी भी बना रहा।
पाटिल के असंतोष का मुख्य कारण राकां एसपी के कमजोर प्रदर्शन को माना जा रहा था। पार्टी में किसी का भी उनके साथ जुड़ने का उत्साह नहीं था, जिससे चंद्रकांत पाटिल काफी परेशान हो गए। पाटिल परिवार की राजनीतिक मजबूती को देखते हुए, उनकी यह कदम आगामी मनपा चुनावों में शिंदे शिवसेना के लिए फायदा साबित हो सकता है।
पाटिल के शिवसेना में शामिल होने से गणेश नाईक और उनके समर्थकों पर भी असर पड़ा है। पाटिल परिवार के तीन नगरसेवक अभी भी एनसीपी के साथ हैं, लेकिन चंद्रकांत पाटिल का यह निर्णय नाईक के राजनीतिक दांव को कमजोर कर सकता है। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि पाटिल ने नवी मुंबई में विदि शिवसेना की बढ़ती पकड़ को देखकर यह कदम उठाया है और अपने तथा परिवार के राजनीतिक भविष्य को सुरक्षित करना चाहा।
चंद्रकांत पाटिल के एनसीपी में बने रहने के समय विधानसभा चुनाव में संदीप नाईक को टिकट दिए जाने पर उनकी नाराजगी सामने आई थी। उस समय उनकी नाराजगी को पार्टी नेतृत्व ने अनसुना कर दिया। अब पाटिल ने स्पष्ट रूप से शिंदे शिवसेना का दामन थामा है, जिससे नवी मुंबई में आगामी चुनावी रणनीतियों पर असर पड़ेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि पाटिल के शिवसेना में शामिल होने से शिंदे गुट को नवी मुंबई में मजबूत पकड़ मिलेगी और पार्टी को मनपा चुनाव में लाभ हो सकता है। यह कदम न केवल एनसीपी के लिए झटका है बल्कि नवी मुंबई की राजनीति में नए समीकरण भी बना देगा।