सर्वसमावेशक व संतुलित विकास को प्राथमिकता (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Washim News: वाशिम जिले के पालकमंत्री दत्तात्रेय भरणे ने जिला नियोजन समिति की बैठक में 406 करोड़ रुपए के बजट को मंजूरी दी। कृषिमंत्री तथा जिले के पालकमंत्री दत्तात्रय भरणे ने बैठक में जिले के सर्वांगिण और संतुलित विकास को प्राथमिकता दिए जाने की बात कहीं। जिला नियोजन समिति की बैठक पालकमंत्री के अध्यक्षता में आयेाजित की गई थी।
बैठक में पालक मंत्री दत्तात्रेय भरणे ने बताया कि 406.07 करोड़ की निधि में से इस वर्ष जिले के लिए जिला वार्षिक सामान्य योजना में 315 करोड़, विशेष घटक योजना में 77 करोड़ और आदिवासी उप-योजना में 14.07 करोड़ का परिव्यय स्वीकृत किया गया है़। इसके लिए सभी यंत्रणाओं ने तुरंत मांग प्रस्तुत करें और प्रशासनिक और तकनीकी अनुमोदन प्राप्त करें। हम जिले के संतुलित विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सभी यंत्रणा को स्वीकृत परिव्यय को खर्च करने के लिए सावधानीपूर्वक योजना बनानी चाहिए, इस में प्रशासनिक देरी और काम की गुणवत्ता में कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस अवसर पर सांसद संजय देशमुख, विधायक भावना गवली, किरण सरनाईक, बाबूसिंग महाराज राठोड, वसंत खंडलेवाल, अमित झनक, श्याम खोडे, सई डहाके व उसी प्रकार से जिलाधिकारी भुवनेश्वरी एस., मुख्य कार्यकारी अधिकारी अर्पित चव्हाण, जिला पुलिस अधीक्षक अनुज तारे, उपवनसंरक्षक अभिजित वायकोस, निवासी उपजिलाधिकारी विश्वनाथ घुगे, मुख्याधिकारी नीलेश गायकवाड, जिला नियोजन अधिकारी राजेश सोनखासकर समेत विविध यंत्रणा के प्रमुख उपस्थित थे।
बैठक में ग्रामीण-शहरी विकास, जल संकट, कृषि, स्वास्थ्य, खेल और तीर्थ स्थलों के उन्नयन जैसे विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई। जिले के विकास के लिए जिला वार्षिक योजना से विभिन्न विभागों को धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। इन धनराशियों का उपयोग आम नागरिकों के लिए होना चाहिए इस पर ध्यान देने ने निर्देश उन्होंने दिए।
प्रशासन के साथ-साथ जनप्रतिनिधि भी पहल करें और जिले में लंबित मामलों का सरकारी स्तर पर पालन करें। जिले में प्रति हेक्टेयर चिया की अच्छी उत्पादन दर मिल रही है और इसके लिए किसानों को चिया की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। साथ ही, प्रत्येक तालुका में औद्योगिक क्षेत्र (एमआईडीसी) स्थापित करने के प्रयास किए जाने चाहिए।
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पालकमंत्री दत्तात्रेय भरणे ने कहा कि विभागों को अच्छे विकास कार्य करके जिले को प्रसिद्ध बनाने का प्रयास करना चाहिए। जिला वार्षिक योजना (सामान्य) के अंतर्गत 315 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी गई है़। जिसमें से 20.98 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और स्वीकृत परिव्यय 94.50 करोड़ रुपये का 30 प्रतिशत शासन से प्राप्त हो चुका है़।
प्रशासकीय स्वीकृति, निधि वितरण और प्राप्त निधि के व्यय की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, जिला वार्षिक योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के लिए 77 करोड़ रुपये का परिव्यय स्वीकृत किया गया है और 51.49 लाख रुपये वितरित और पूर्ण रूप से व्यय किए जा चुके हैं। जिला वार्षिक योजना (ओटीएसपी) के अंतर्गत 14.07 करोड़ रुपये का परिव्यय स्वीकृत किया गया है, 57.12 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं, जिसमें से 25.50 लाख रुपये व्यय किए जा चुके हैं, ऐसी जानकारी जिला योजना अधिकारी राजेश सोनखसकर ने दी।