यातायात पुलिस विभाग केवल कार्रवाई में व्यस्त
Wardha News: वर्धा शहर की परिवहन व्यवस्था पिछले कुछ दिनों से बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। स्थानीय प्रशासन और यातायात विभाग ने शहर के प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल शुरू करने की योजना बनाई थी। चार प्रमुख चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए भी गए, जिनमें आर्वी नाका और छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर डेमो के रूप में सिग्नल का संचालन किया गया। हालांकि, कुछ दिनों तक ट्रैफिक सिग्नल अनियमित रूप से संचालित होते रहे।
यातायात विभाग ने पखवाड़ा के भीतर इन सभी चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल नियमित रूप से शुरू करने का दावा किया था, लेकिन वह अब तक धरातल पर नहीं उतर पाया है। वर्तमान में सभी चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल व्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है, जिसके चलते शहर की यातायात व्यवस्था लड़खड़ा गई है। स्थिति में सुधार लाने के बजाय यातायात विभाग के कर्मचारी केवल चालान और कार्रवाई में ही व्यस्त नजर आ रहे हैं।
शहर में स्वतंत्र पार्किंग व्यवस्था का भी अभाव है। मुख्य मार्गों पर स्थित बैंक, अस्पताल और बड़े प्रतिष्ठानों की स्वयं की पार्किंग सुविधा नहीं है। इसके कारण नागरिकों को अपने वाहन सड़क पर ही खड़े करने पड़ते हैं, जिससे रास्ते संकरे हो जाते हैं और यातायात में बाधा उत्पन्न होती है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहन चालकों पर जुर्माना लगा रही है। परिणाम वश वाहन चालकों का सवाल है कि वे वाहन कहां खड़ा करें? अगर कार्रवाई करनी ही है तो पहले संबंधित प्रतिष्ठानों पर करें, क्योंकि पार्किंग सुविधा उपलब्ध कराना उनकी व प्रशासन की जिम्मेदारी है।
दिवाली के चलते शहर के बाजार में ग्राहकों की भीड़ बढ़ गई है। ऐसे में बाजार क्षेत्र में लागू की गई वैकल्पिक वन वे पार्किंग व्यवस्था की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बाजार में यातायात पुलिसकर्मी कहीं नजर नहीं आते, जिससे ग्राहकों और दुकानदारों के बीच विवाद की स्थिति बन रही है। इस ओर भी संबंधित विभाग के अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं।
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शहर में अत्यावश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने वाले वाहनों को छोड़कर अन्य सभी भारी वाहनों के प्रवेश पर सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक प्रतिबंध है। इसके बावजूद दिन के समय शहर के मुख्य मार्ग पर बड़े भारी वाहन बेरोकटोक प्रवेश कर रहे हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। नागरिकों ने इस गंभीर विषय पर ध्यान देने की मांग की है।