
DCCB के विकास को मिली नई दिशा
Wardha DCCB: वर्धा जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक (DCCB) के व्यवसाय विस्तार और सशक्तिकरण को लेकर सहकार राज्य मंत्री एवं पालकमंत्री डॉ. पंकज भोयर ने सोमवार को नागपुर में विस्तृत समीक्षा बैठक ली। बैठक में उन्होंने बैंक की सर्वांगीण प्रगति के लिए दीर्घकालीन उपाययोजनाओं पर कार्य करने और आगामी पाँच वर्षों की योजनाबद्ध कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
नागपुर के म्हाडा कार्यालय के सभागार में आयोजित बैठक में विधायक प्रवीण दरेकर, विधायक अतुल भोसले, विधायक सुमित वानखेडे, सहकार विभाग के प्रधान सचिव प्रवीण दराडे, जिलाधिकारी वान्मथी सी., महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर, नाबार्ड की मुख्य प्रबंधक रश्मि दराड, सहसचिव संतोष पाटिल सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
डॉ. भोयर ने कहा कि बैंक की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक, मुंबई जिला मध्यवर्ती बैंक, कृष्णा नागरी सहकारी बैंक सहित अन्य वित्तीय संस्थाओं के साथ समूह कर्ज योजना में शामिल होना आवश्यक है। सुरक्षित क्षेत्रों में कर्ज प्रवाहित कर जोखिम कम करना, नॉन-एग्रीकल्चर सेक्टर में कर्ज देकर बैंक की आय बढ़ाना तथा थकित कर्ज वसूली पर युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश भी उन्होंने दिए।
कर्मचारियों की कमी को देखते हुए उन्होंने राज्य सहकारी बैंक के अनुभवी कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को प्रतिनियुक्ति पर लेने का सुझाव दिया। साथ ही बैंक की कंप्यूटर प्रणाली और सॉफ्टवेयर को तत्काल अद्यतन कर ग्राहकों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई। उन्होंने जिले की बाजार समितियों और व्यापारियों को अपने बैंकिंग कार्य वर्धा जिला केंद्रीय सहकारी बैंक के माध्यम से करने के लिए प्रोत्साहित करने पर भी जोर दिया।
महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक के प्रशासक विद्याधर अनास्कर ने कहा कि केवल फिक्स्ड डिपॉजिट के भरोसे बैंक को पूर्व स्थिति में लाना संभव नहीं है। बैंक को लाभप्रद दिशा में आगे बढ़ाना आवश्यक है। सहभाग कर्ज योजना के तहत ऐसे कर्जदारों को ही कर्ज दिया जाता है जिनकी कर्ज-वापसी सुनिश्चित होती है। वर्धा जिला सहकारी बैंक भी ऐसे सक्षम कर्जदारों का चयन कर सकती है तथा आवश्यकता पड़ने पर उन्हें पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी।
उन्होंने कहा कि यदि जिला परिषद, पंचायत समितियों और शासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों का वेतन सहकारी बैंक के माध्यम से दिया जाने लगे, तो बैंक जल्द ही अपनी पुरानी स्थिति में आ सकता है।
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