Representational Pic
देवली (सं). वाहनों की तेज ध्वनि वाले हार्न से लोगों की परेशानी बढ़ रही हैं. प्रेशर हार्न का उपयोग प्रतिबंधित होने के बावजूद शहर की सड़कों पर धड़ल्ले से चौपहिया व दोपहिया चालक इसका उपयोग करते हैं. खरीदी के बाद काफी लोग अपने वाहनों में तेज आवाज करने वाले प्रेशर हार्न लगवा रहे हैं, जिससे ध्वनि प्रदूषण का खतरा बढ़ गया है, जिससे शहर के लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है.
शहर में कई ऐसे शासकीय कार्यालयों, चिकित्सालयों, न्यायालय व विद्यालयों के पास साइलेंस जोन घोषित किया गया है. जहां तेज ध्वनि वाले हार्न का प्रयोग नहीं किया जा सकता, किंतु नियम कानून को ताक पर रखकर वाहन चालक प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रेशर हार्न बजाकर शासन को चुनौती दे रहे हैं.
यातायात नियमों के तहत प्रावधान की भी अनदेखी की जा रही है. कुछ युवक इन प्रतिबंधित क्षेत्रों के आसपास से प्रेशर हार्न बजाकर तेज गति में निकल जाते हैं, जिससे वहां से गुजरने वाले और स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होती हैं. अपने वाहन में लगे प्रेशर हार्न का इतना उपयोग करते है कि जब तक उनके वाहन गुजर नही जाते तब कुछ सुनाई ही नहीं पड़ता. डाक्टरों के अनुसार सामान्य रूप से इंसान 40 से 60 डेसीबल तक की आवाज स्कूली बच्चों व बुजुर्गों में काफी भ शहर में इन दिनों छोटे-बड़े वाहनों में तेज बजने वाले हॉर्न का उपयोग किया जा रहा है. इसके चलते सड़क से गुजर रहे छोटे-छोटे स्कूली बच्चों व बुजुर्गों में काफी भय बना रहता है.
वाहनों में लगाए यह तेज हॉर्न इतने कानफाडू होते हैं, कि लोग बहरापन समेत दिल की बीमारी का शिकार हो सकते वाहन चालक बिना रोक-टोक के कहीं किसी भी जगह पर लगातार हॉर्न बजाते है, जिससे रोग ग्रसित व्यक्ति का मानसिक संतुलन तक खराब हो सकता है. कई बार तो वाहनों के एकाएक हॉर्न बजाने से लोग भय से उछलकर बेहोश या दुर्घटना के शिकार भी हो गए है. बावजूद वाहन चालक अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं. यातायात विभाग की ओर से कई बार ऐसे कर्कश हॉर्न बजाने वाले युवाओं पर कार्रवाई की गई, लेकिन ऐसे युवाओं पर कार्रवाई के बाद भी कोई असर नहीं होता.