(प्रतीकात्मक तस्वीर)
Wardha News In Hindi: शैक्षणिक सत्र 2025-26 के अंतर्गत ग्रामीण जागरूकता व कार्यानुभव कार्यक्रम के अंतर्गत बजाज कृषि महाविद्यालय, पिपरी, वर्धा द्वारा करंजी (भोगे) एवं आस-पास के गांवों में किसानों को कृषि पुरक व्यवसायों एवं आधुनिक कृषि तकनीकों की जानकारी देने हेतु विशेष अभियान चलाया गया।
इस अभियान के अंतर्गत महाविद्यालय के विषय-विशेषज्ञ प्राध्यापकों ने प्रत्यक्ष रूप से किसानों के खेतों पर जाकर फसल सुरक्षा, फलबाग की स्थापना, मृदा परीक्षण तथा उन्नत खेती के अन्य पहलुओं पर मार्गदर्शन किया। मृदा परीक्षण के लिए सातवें सत्र के विद्यार्थियों द्वारा खरीफ सीजन प्रारंभ होने से पूर्व नामांकित किसानों के खेतों से मृदा नमूने एकत्रित किए गए।
यह नमूने महाविद्यालय की आधुनिक प्रयोगशाला में मृदा शास्त्र एवं कृषि रसायनशास्त्र विभाग के सहयोग से डॉ. एमके घोडे के मार्गदर्शन में विद्यार्थियों द्वारा विश्लेषित किए गए। इस प्रक्रिया में डॉ. युके गावंडे एवं कांचन वानखेडे का भी महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। किसानों से किसी भी प्रकार का शुल्क लिए बिना मृदा परीक्षण किया गया तथा फसलों के अनुसार उर्वरकों की सिफारिशें भी दी गईं।
परीक्षण के आधार पर उचित मात्रा में जैविक व रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करने से न केवल उपज में वृद्धि होती है, बल्कि पोषक तत्वों पर होने वाला खर्च भी कम होता है, जिससे किसानों को आर्थिक लाभ प्राप्त होता है।
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डॉ. मंगेश घोडे द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य पत्रिका वितरित की गईं। साथ ही, मृदा नमूना लेने की विधि एवं परीक्षण उपरांत उर्वरक मात्रा की गणना कैसे करनी है, इस पर आधारित जानकारी पत्रिका भी दी गई और विस्तृत मार्गदर्शन किया गया।
इस अवसर पर डॉ. अमोल हरने ने भी किसानों का मार्गदर्शन किया। इस महत्वाकांक्षी कार्य हेतु महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ। स्नेहल देशमुख, कार्यक्रम समन्वयक राजेंद्र खर्च, कार्यक्रम अधिकारी डॉ। मंगेश घोडे एवं डॉ। कविता चोपडे का विशेष सहयोग व मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।