मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को ज्ञापन सौंपते विधायक केचे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Demand To Declare Wet Drought In Wardha: वर्धा जिले की आर्वी तहसील इलाके में लगातार हो रही भारी बारिश से खरीफ की अधिकांश फसलें चौपट हो गई हैं। इस विकट परिस्थिति में किसानों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब हो चुकी है। इसी पृष्ठभूमि में विधायक दादाराव केचे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कृषिमंत्री को ज्ञापन भेजकर जिले में “गीला अकाल” घोषित करने की मांग की है।
ज्ञापन में विधायक केचे ने कहा कि इस वर्ष जून माह से लगातार बारिश हो रही है। कई क्षेत्रों में भारी बारिश और बादल फटने जैसी घटनाओं से किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। खरीफ की लगभग 70 प्रतिशत फसल किसानों के हाथ से निकल चुकी है। सोयाबीन, कपास, अरहर, संतरा और मौसमी जैसी प्रमुख फसलें सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।
केचे ने बताया कि विदर्भ में 90 प्रतिशत किसान केवल कृषि पर आधारित हैं। इनमें से अधिकांश छोटे और सीमांत भूमिधारक हैं। भारी वर्षा और बीमारियों ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया है। सोयाबीन और अरहर की फसलें पीला मोजैक जैसी बीमारी से नष्ट हो गई हैं। कपास की फसल अत्यधिक पानी से खराब हो चुकी है। वहीं संतरा और मौसमी के पेड़ों पर लगे फल समय से पहले गिर गए हैं, जिससे बागवानों को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। इस स्थिति में किसानों के लिए खेती की लागत निकालना भी मुश्किल हो गया है।
ज्ञापन में कहा गया कि किसान पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर होते हैं। बदलते मौसम और जलवायु परिवर्तन की मार सबसे पहले कृषि पर पड़ती है। पिछले तीन महीनों से लगातार बारिश ने किसानों की उम्मीदें तोड़ दी हैं। अब उनकी हालत इतनी खराब हो चुकी है कि वे कर्ज और आर्थिक तंगी के दबाव में आ गए हैं।
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विधायक केचे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि वे किसानों की वास्तविक स्थिति पर गंभीरता से विचार करें। किसानों को अगले सीजन में दूसरी फसल बोने लायक बनाने के लिए तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। साथ ही जिले को गीला अकाल क्षेत्र घोषित कर विशेष राहत पैकेज जारी किया जाए।
किसान संगठनों का कहना है कि सरकार यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाती तो जिले के हजारों किसानों को भारी संकट का सामना करना पड़ेगा। अतिवृष्टि और बीमारियों से बर्बाद हुई फसलों ने उनकी आर्थिक रीढ़ तोड़ दी है। किसानों की उम्मीदें अब पूरी तरह से सरकारी मदद पर टिकी हैं।