
भाजपा और कांग्रेस में इच्छुकों की भरमार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
आंजी-बडी जिप सर्कल को नागरिकों के पिछड़ा प्रवर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। इस कारण यहां इच्छुक उम्मीदवारों की भरमार देखने को मिल रही है। वर्तमान में भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों से कई इच्छुक अपनी दावेदारी व्यक्त कर रहे हैं। आंजी-बडी जिप सर्कल और पंचायत समिति सीटों के लिए चुनाव होने हैं। प्रभाग रचना और आरक्षण घोषित होने के बाद कई इच्छुक अपनी उम्मीदवारी पेश करने में जुटे हैं और अपने-अपने दल के वरिष्ठ नेताओं से लगातार संपर्क साध रहे हैं।
भाजपा अब तक यहां सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है और आंजी-बडी क्षेत्र में उसका दबदबा रहा है। पिछले चुनाव में इस सर्कल से भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील गफाट की पत्नी जयश्री सुनील गफाट विजयी हुई थीं। उन्होंने जिला परिषद में शिक्षण सभापति के रूप में कार्यभार संभाला था। वहीं, पंचायत समिति गन से भाजपा के जगदीश संचरिया सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए थे। इसके बाद भाजपा ने सुनील गफाट को जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी। तब से उन्होंने न केवल आंजी-बडी में, बल्कि जिलेभर में अपनी पकड़ मजबूत की है। मुख्यमंत्री, पालकमंत्री और विधायकों से भी उनकी नजदीकियां जानी जाती हैं।
इस बार सुनील गफाट स्वयं जिप सर्कल से चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। वहीं, भाजपा के ही जगदीश संचरिया जो आंजी-बडी ग्राम पंचायत के दो बार सरपंच और एक बार पंचायत समिति सदस्य रह चुके हैं उन्होंने भी अपनी दावेदारी पेश की है। उन्होंने पार्टी में तहसील सरचिटणीस, जिला सरचिटणीस और भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य के रूप में भी काम किया है।
भाजपा के दीपक बावनकर तीन बार ग्राम पंचायत सरपंच और एक बार उपसरपंच रह चुके हैं। उनकी पत्नी उज्वला दीपक बावनकर भी पूर्व जिप सदस्य हैं। दीपक बावनकर भाजपा युवा मोर्चा के सदस्य और जिला कार्यकारिणी के सक्रिय पदाधिकारी हैं। साथ ही, उन्होंने आंजी जिप सर्कल प्रमुख के रूप में भी काम संभाला है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी तीनों में से किसे टिकट देती है।
इस जिप सर्कल में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर देखने को मिलती है। भाजपा की तरह कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस के सतीश पवार लगातार दो से तीन बार ग्राम पंचायत सदस्य के रूप में निर्वाचित हुए हैं। वे पूर्व राज्यमंत्री रणजीत कांबळे के निकटवर्ती माने जाते हैं और उनके साथ युवाओं की मजबूत टीम है। उन्होंने कांग्रेस की ओर से अपनी दावेदारी प्रस्तुत की है।
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इसी सर्कल में बोरगांव-सावली के महेश मोरे ने भी इच्छा व्यक्त की है। वे बोरगांव-सावली के सरपंच रह चुके हैं और रणजीत कांबळे के करीबी माने जाते हैं। राजेंद्र डोलसकर कई वर्षों से ग्राम पंचायत सदस्य और सरपंच रहे हैं, साथ ही पंचायत समिति सदस्य भी रह चुके हैं। फिलहाल वे चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि वे ऐन मौके पर अपनी दावेदारी पेश कर सकते हैं।
दोनों ही दलों में कुछ और इच्छुक भी मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। अब पार्टी नेतृत्व किसे अवसर देता है, यह आने वाला समय ही बताएगा। राजनीतिक दृष्टि से आंजी-बडी जिप सर्कल बेहद अहम माना जाता है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष सुनील गफाट और पूर्व राज्यमंत्री रणजीत कांबळे दोनों के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा का संघर्ष माना जा रहा है।






