
बगीचे के सौंदर्यीकरण की ओर नगर परिषद की अनदेखी
Armori Public protest: आरमोरी शहर के प्रभाग क्रमांक 6 में आरक्षित भूमि पर लाखों रुपये खर्च कर नागरिकों के मनोरंजन के लिए एक सुंदर बगीचे का निर्माण किया गया था। हालांकि, नगर परिषद प्रशासन की अनदेखी के कारण यह बगीचा अब बदहाली की स्थिति में पहुंच गया है। बगीचे की सुरक्षा दीवार जर्जर हो चुकी है, जबकि भीतर झाड़ियाँ उग आई हैं, जिससे पूरा परिसर जंगल जैसा प्रतीत होता है।
इस कारण यह स्थल नागरिकों की बजाय पालतू जानवरों, आवारा कुत्तों, सुअरों, सांपों और बिच्छुओं का ठिकाना बन गया है। इससे स्थानीय नागरिकों में नगर परिषद के प्रति गहरा रोष व्याप्त है। नागरिकों ने प्रशासन से शीघ्र कार्रवाई कर बगीचे का पुनः सौंदर्यीकरण करने की मांग की है। शहर को वर्ष 2018 में नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद, सरकारी निधि से गायत्री नगर स्थित इस बगीचे का सौंदर्यीकरण किया गया था। इसका उद्देश्य नागरिकों को मनोरंजन, व्यायाम और टहलने की सुविधा उपलब्ध कराना था। किंतु रखरखाव के अभाव में अब यह पूरी तरह उपेक्षित हो गया है।
बिजली आपूर्ति बंद होने से पूरे परिसर में अंधेरा छाया रहता है। नागरिकों का कहना है कि नगर परिषद ने यह बगीचा उनके उपयोग के लिए बनाया था या मवेशियों के लिए यह अब समझ से परे है। इस समस्या की जानकारी पार्षदों को कई बार दी गई, परंतु अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नगर परिषद के आठों प्रभागों में भी इसी प्रकार सौंदर्यीकरण के कार्य किए गए थे, किंतु देखभाल और मरम्मत के अभाव में वहां भी स्थिति दयनीय बनी हुई है।
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नप आरमोरी की अभियंता प्रणाली दुधबले ने कहा कि सौंदर्यीकरण की उपेक्षा से नाराज वार्ड के नागरिकों ने चेतावनी दी है कि यदि एक सप्ताह के भीतर समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो नगर परिषद कार्यालय का घेराव कर आंदोलन किया जाएगा। लाखों रुपये खर्च होने के बावजूद बगीचा बेकार पड़ा है, जिससे नागरिकों में तीव्र असंतोष व्याप्त है।






