मुंबई हवाई अड्डा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
ठाणे: इस साल के अंत तक नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का परिचालन शुरू हो जाने की उम्मीद के बीच एक सर्वदलीय कार्य समिति ने शुक्रवार को हवाईअड्डे का नाम दिवंगत नेता डी बी पाटिल के नाम पर रखे जाने की मांग पर जोर दिया और चेतावनी दी कि अगर यह मांग पूरी नहीं हुई तो ‘असंतोष का गुब्बार’ फटेगा।
‘‘लोकनेते डी बी पाटिल नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा सर्वदलीय कार्य समिति” के अध्यक्ष दशरथ पाटिल ने यहां प्रेसवार्ता के दौरान यह मांग दोहराई। उन्होंने कहा, ‘‘नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे का नाम तत्काल लोकनेते डी बी पाटिल के नाम पर रखा जाना चाहिए।”
इस वक्त दशरथ पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से इस मुद्दे पर कार्य समिति के साथ बैठक करने का अनुरोध किया। बता दें कि डी बी पाटिल सांसद थे तथा दशकों पहले जब रायगढ़ जिले के पनवेल तहसील में शहर और औद्योगिक विकास निगम यानी सिडको ने भूमि का अधिग्रहण किया था तब उन्होंने इस क्षेत्र के किसानों एवं भूस्वामियों के कई विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व किया था।
दशरथ पाटिल ने कहा कि नवी मुंबई हवाईअड्डे का नाम डी बी पाटिल के नाम पर रखने का मामला केंद्र के पास लंबित है। राज्य सरकार को तत्काल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कार्य समिति के पदाधिकारियों की बैठक आयोजित कर नाम की घोषणा करनी चाहिए, अन्यथा लोगों में असंतोष का गुब्बार फटेगा।”
पाटिल ने कहा कि हवाईअड्डे का नाम डी बी पाटिल के नाम पर रखने के संदर्भ का प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश किया गया था और बाद में उसे केंद्र को भेजा गया है, लेकिन यह अब भी केंद्र के पास लंबित है। हवाईअड्डे का निर्माण काफी हद तक पूरा हो चुका है और नवंबर से उड़ान परिचालन शुरू होने की उम्मीद है, इसलिए इसका नाम तत्काल डी बी पाटिल के नाम पर रखा जाना जरूरी है।”
उन्होंने कहा कि केंद्रीय विमानन मंत्री से मुलाकात के बाद भी यह मुद्दा लंबित है तथा केंद्र को शीघ्र ही इसका समाधान करना चाहिए। पाटिल ने यह भी मांग की कि ठाणे, रायगढ़, पालघर और मुंबई जिलों में इस परियोजना से प्रभावित लोगों एवं भूस्वामियों को हवाईअड्डे पर नौकरियों में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
(एजेंसी इनपुट के साथ)