वन मंत्री गणेश नाईक ने खाड़ी प्रदूषण पर अधिकारियों को दिया कड़ा निर्देश (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Thane News: राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने शिलोत्री (नमक किसान ) और खाड़ी प्रदूषण से जुड़ी समस्याओं को गंभीरता से देखते हुए वन विभाग और राजस्व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को कड़ा निर्देश दिया है। उन्होंने अधिकारियों को निजी भूमि पर अतिक्रमण रोकने, नियमानुसार सर्वेक्षण करने और मल जल प्रदूषण को रोकने के लिए शीघ्र कार्रवाई करने का आदेश दिया।
मंत्री नाईक के कार्यालय में आयोजित बैठक में महाराष्ट्र राज्य वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक (मैंग्रोज वन प्रकोष्ठ) एस.वी. रामाराव, अन्य वरिष्ठ वन अधिकारी, ठाणे जिलाधिकारी और राजस्व विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में नमक उत्पादक लघु शिलोत्री सेवा संघ, मीरा-भाईंदर के अध्यक्ष अशोक पाटिल, अलर्क देसाई, एड. सुरेश ठाकुर, प्रो। सुरेश रानाडे और प्रभाकर पाटिल भी शामिल हुए।
बैठक के दौरान जिन विषयों पर महत्वपूर्ण चर्चा हुई उनमें 2021 की अधिसूचना के तहत राजस्व विभाग की सरकारी भूमि वन विभाग को हुए हस्तांतरित ,वन विभाग द्वारा सैटेलाइट सर्वेक्षण के आधार पर निजी नमक के खेतों पर अतिक्रमण की शिकायतें, कानून के अनुसार सर्वेक्षण से पहले नोटिस देना और दोनों पक्षों की उपस्थिति में सीमाएँ तय करना आवश्यक आदि का समावेश था।
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चर्चा के बाद वन मंत्री नाईक अधिकारियों को निर्देश दिया कि नए सिरे से नियमानुसार सर्वेक्षण किया जाए, सीमाएँ स्पष्ट की जाएँ और निजी भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएँ। साथ ही, मीरा-भाईंदर मनपा द्वारा बिना किसी प्रक्रिया के मल जल ( सीवर का पानी ) खाड़ियों में छोड़े जाने और अतिक्रमण के कारण बढ़ते प्रदूषण पर भी चर्चा हुई।
मंत्री नाईक ने जिलाधिकारी को संगठन से संवाद कर मनपा प्रशासन को उचित कार्रवाई के निर्देश देने को कहा। अध्यक्ष अशोक पाटिल ने बैठक की सकारात्मक प्रतिक्रिया की सराहना करते हुए कहा कि इस कदम से शिलोत्रीयों और खाड़ी प्रदूषण के मामलों में शीघ्र और प्रभावी समाधान की उम्मीद है।