ईडी की छापेमारी (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Nagpur Business News: अनाज गिरवी रखकर 151 किसानों के साथ 113 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाला रमन्नाराव मुसलिया बोल्ला और नूतन राकेश सिंह पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। नागपुर, भंडारा सहित गुंटूर में की गई कार्रवाई में 10 लाख रुपये की नकदी जब्त की गई है।
छापेमारी के दौरान बैंक बैलेंस, बीमा पॉलिसी, अचल संपत्ति का भी पता चला है जिसकी कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये आंकी गई है।कुल 8 स्थानों पर छापेमारी कर विभाग ने यह पता लगया है। पुलिस ने यह मामला दर्ज किया था जिसमें बैंक को चूना लगाया था जिसके बाद ईडी ने यह मामला अपने हाथ में लिया और कार्रवाई की है।
ग्रामीण पुलिस की आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा ने बोल्ला सहित वीर व्यंकटरावर वेकलकुड़ी, महिंद्रा मुप्पू वारको, कॉरपोरेशन बैंक के भूतपूर्व व्यवस्थापक मंशूराम पाटिल और संदीप जगनाड़े सहित 18 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और एमपीआईडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था।
जानकारी के अनुसार जुलाई 2021 में एटीजी नामक कंपनी की शिकायत पर बोल्ला, उसकी पत्नी विजयालक्ष्मी बोल्ला और विनोद नायर के खिलाफ विविध धाराओं के तहत धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला दर्ज किया गया था। एटीजी कंपनी ने बोल्ला की मौदा स्थित हनुमान दाल मिल को 100 करोड़ रुपये की चना दाल प्रोसेस करने दी थी जिसमें 70 करोड़ रुपये का माल प्रोसेस करके कंपनी को वापस कर दिया गया था लेकिन बचा हुआ 30 करोड़ का माल मिल में ही था।
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दाल मिल में आग लग गई और 30 करोड़ का माल स्वाहा हो गया। कंपनी का आरोप था कि मिल में आग लगी नहीं बल्कि लगाई गई। फायर ऑडिट में भी आग लगाए जाने की बात सामने आई थी। उस समय पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और कंपनी द्वारा न्यायालय से अपील करने के बाद एफआईआर हुई।
बोल्ला लंबे समय से सक्रिय है। किसानों से धोखाधड़ी कर उसने बैंक से 113 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। उन्हें धोखे में रखकर बैंक में अनाज गिरवी रख करोड़ों रुपये का लोन मांगा। असल में अनाज किसानों का था ही नहीं। बोल्ला ने 2 से 2.50 करोड़ रुपये का माल बाजार से खरीदकर अपने गोदाम में रखा। हर लोन केस में यही अनाज दिखाया जाता था और बैंक लोन जारी कर देता था। एक-एक किसान के नाम पर 45 से 49 करोड़ रुपये का लोन लेने की जानकारी है।