ठाणे जिले के अवैध छात्रावास का पर्दाफाश।
ठाणे: सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य की ओर ध्यान केंद्रित करने की बात करती है। देश का भविष्य बच्चों को अच्छी शिक्षा मुहैया कराने का दावा करती है। लेकिन सरकार की आंखों में धूल झोंककर कुछ संगठन अवैध गतिविधियों को अंजाम देते हुए न सिर्फ कानून को तोड़ते हैं बल्कि मासूम बच्चों की जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ करते हैं। ऐसे ही एक संगठन का पुलिस ने मिली शिकायत के बाद पर्दाफाश किया है।
महाराष्ट्र के ठाणे जिले में एक संगठन द्वारा संचालित अनधिकृत छात्रावास में दुर्व्यवहार की शिकायत के बाद कम से कम 29 बच्चों को मुक्त कराया गया। मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। जिला प्रशासन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि पुलिस ने शुक्रवार को खडावली में एक आवासीय संस्थान, जिसका नाम पसायदान विकास संस्था बताया गया है, से 20 लड़कियों और 9 लड़कों को मुक्त कराया और किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण यानी पॉक्सो अधिनियम के तहत 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।
‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ को बृहस्पतिवार को शिकायत मिली थी कि संस्था में बच्चों से मारपीट की जा रही है और उनका यौन शोषण किया जा रहा है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि जिला महिला एवं बाल विकास कार्यालय की एक टीम ने पुलिस के साथ मिलकर शुक्रवार को संस्था का निरीक्षण किया और बच्चों से बातचीत करने के बाद आरोपों को सही पाया। मुक्त कराए गए बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया।
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उनमें से कुछ खडावली के जिला परिषद स्कूल में पढ़ते हैं। आगामी परीक्षाओं के मद्देनजर शिक्षा विभाग, शिक्षा अधिकारी कार्यालय से समन्वय करके उनकी परीक्षाओं के लिए विशेष व्यवस्था कर रहा है। विज्ञप्ति के अनुसार संस्था के संचालक, उसके परिवार के दो सदस्यों और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
ठाणे के जिलाधिकारी अशोक शिंगारे ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा व कल्याण हमेशा से प्रशासन की प्राथमिकता रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए उन्होंने आश्वस्त किया है। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी संतोष भोसले ने लोगों से अपील की है कि वे ऐसे अनधिकृत संस्थानों के खिलाफ आगे आएं और बच्चों से दुर्व्यवहार या शोषण के बारे में सूचना दें।