2 सहायक आयुक्त तबादले के बाद भी चिपके थे कुर्सी से (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Ulhasnagar: राज्य सरकार के संबंधित महकमे द्वारा उल्हासनगर मनपा में कार्यरत तीन अधिकारियों का 23 सितंबर को स्थानीय मनपा से अन्य जगह तबादला कर दिया गया है, बावजूद इसके शुक्रवार को भी यह अधिकारी मनपा स्थित अपने केबिन में काम कर रहे थे। सूचना मिलने पर शुक्रवार को प्रहार जनशक्ति पक्ष और राष्ट्र कल्याण पार्टी के पदाधिकारी मनपा मुख्यालय पहुंचे तथा उनके वरिष्ठ अधिकारियों से इसका कारण जानना चाहा, इस मुद्दे को लेकर मनपा में काफी देर तक बवाल मचा। आखिरकार दोनों सहायक आयुक्त की नेम प्लेट हटाने तथा कार्यालय को ताला लगाए जाने के बाद प्रहार तथा राष्ट्र कल्याण पार्टी के पदाधिकारी शांत हुए।
प्रहार जनशक्ति पक्ष के ठाणे जिला अध्यक्ष अधिवक्ता स्वप्निल पाटिल तथा राष्ट्र कल्याण पार्टी के अध्यक्ष शैलेश तिवारी के नेतृत्व यह आंदोलन हुआ। तिवारी तथा पाटिल मनपा मुख्यालय पहुंचे तथा जवाब तलबी की, बात बढ़ने पर इन पदाधिकारियों तथा पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जोरदार घोषणा बाजी। कुछ देर के लिए मनपा मुख्यालय में तनाव देखने को मिला। इस संदर्भ में अधिवक्ता स्वप्निल पाटिल तथा शैलेश तिवारी ने बताया कि 23 सितंबर को शासन ने उल्हासनगर मनपा में मुख्याधिकारी स्तर की अधिकारी मयूरी कदम ( प्रभारी सहायक आयुक्त) और सुनील लोंढे (सहायक आयुक्त दोनों ट्रेनी) का स्थानांतरण आदेश जारी किया गया है।
हालांकि तीन दिन बीत जाने के बाद भी संबंधित अधिकारियों ने अपना पद छोड़कर स्थानांतरित स्थानों पर जाकर कार्यभार ग्रहण नहीं किया। पाटिल तथा तिवारी का कहना है कि इन अधिकारियों का कार्यकाल संदिग्ध रहा है। इसलिए बिल्डरों की फाइलों में हेराफेरी करने यानी टीडीआर घोटाले की जो जांच चल रही है वह जांच प्रभावित हो सकती है।
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मनपा के सहायक आयुक्तों की नेमप्लेटें हटा दीं और उनके केबिनों पर ताले लगा दिए। प्रहार जनशक्ति पक्ष और राष्ट्र कल्याण पार्टी ने संबंधित अधिकारियों द्वारा किए गए कार्यों – फाइलों पर हस्ताक्षर और लेन-देन – की पूरी जांच की मांग की है। प्रहार जनशक्ति पार्टी के पदाधिकारी स्वप्निल पाटिल ने कहा, नियम सबके लिए समान हैं। चाहे अधिकारी हों या आम नागरिक – सरकारी आदेशों का पालन अनिवार्य है। अगर कोई सरकारी आदेशों का उल्लंघन करेगा, तो उसे ‘प्रहार शैली’ में आदेशों का पालन करने के लिए बाध्य किया जाएगा।