बाढ़ प्रभावित गांवों का होगा पुनर्वास (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Solapur News: भीमा नदी के किनारे बसे तेलगांव, खानापुर और कुसूर गाँवों में हर साल बाढ़ के पानी से होने वाले नुकसान को देखते हुए, इन गाँवों के पुनर्वास के लिए मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई। इसमें इन गाँवों के पुनर्वास में तेज़ी लाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। पुरकाल में आपातकालीन स्थिति को नियंत्रित करने के लिए 4 मोटर बोट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है। इससे आने वाले दिनों में बाढ़ की स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी। राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटिल की अध्यक्षता में मंत्रालय में यह महत्वपूर्ण बैठक हुई।
इस बैठक में दक्षिण सोलापुर और उत्तर सोलापुर तालुका के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की विस्तृत समीक्षा की गई। बाढ़ प्रभावित नागरिकों की सुरक्षा और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया में तेज़ी लाई जाएगी। इस वर्ष सितंबर माह में सीना नदी के जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा के कारण 82 गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। बाढ़ से प्रभावित गाँवों के पुनर्वास का मुद्दा भी उठाया गया। साथ ही, इस बैठक में संबंधित अधिकारियों को उजनी परियोजना पीड़ितों को अधिग्रहित भूमि का आवंटन तुरंत शुरू करने के निर्देश दिए गए।
इस वर्ष मानसून के दौरान हुई भारी वर्षा और बाढ़ के कारण जिले में लोक निर्माण विभाग के स्वामित्व वाले 230 पुलों के संपर्क मार्ग बह गए हैं। निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता शामराव कुंभार ने बताया कि निर्माण विभाग को 151 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है और सरकार को एक प्रस्ताव भेजा गया है।
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इस वर्ष मानसून का मौसम मई के अंतिम सप्ताह से शुरू हो गया है। लगातार भारी बारिश हो रही है। इस बारिश ने जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न तालुकाओं और गांवों को जोड़ने वाली सड़कों को व्यापक नुकसान पहुंचाया है। 230 स्थानों पर पुलों के दोनों ओर के अप्रोच बाढ़ में बह गए हैं। बाढ़ में बह जाने से यातायात में भारी व्यवधान उत्पन्न हुआ है। पथ निर्माण विभाग के जिला प्रशासन ने नागरिकों की सुविधा के लिए प्रयास किए हैं और ऐसे स्थानों पर अस्थायी यातायात शुरू किया है। पुल के अप्रोच के साथ-साथ छोटे पुल के पाइप भी बह गए हैं। कुंभार ने बताया कि इसका निरीक्षण किया गया है।