छोटा पुल वैनगंगा के पानी में डूबा (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Bhandara News: भंडारा जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश होने का प्रभाव दिखाई दे रहा है। जिसकी वजह से प्रशासन भी सक्रिय हो गया है। आपदा प्रबंधन विभाग ने नागरिकों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है और सभी से सतर्क रहने का आग्रह किया है। साथ ही यह भी बताया हे कि 29 और 30 सितंबर को यलो अलर्ट से मुक्ति मिल गई है। 28 सितंबर को मौसम ने थोड़ी राहत दी। दिन में बारिश नहीं हुई और दोपहर में धूप भी खिली, लेकिन शाम होते-होते मौसम फिर से बदल गया।
पिछले कुछ दिनों की बारिश से भंडारा-कारधा मार्ग स्थित छोटा पुल वैनगंगा के उफनते पानी में डूबा हुआ है, जिससे वाहन चालकों के लिए यह मार्ग पूरी तरह बंद कर दिया गया है। वहीं, शहर के निकट खमारी-भिलेवाड़ा मार्ग पर नाले में पानी चढ़ जाने के कारण मार्ग को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में जिले में औसतन 35.4 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जिले के साकोली मंडल में 66.8 मिमी, एकोड़ी मंडल में 95.8 मिमी और लाखनी मंडल में 95.8 मिमी बारिश हुई। 65 मिमी बारिश होने पर अतिवृष्टि माना जाता है। लगातार हुई बारिश के कारण जिले के कई खेत पानी में डूबे हुए हैं और किसानों के धान की फसल बर्बाद होने का भय बढ़ गया है।
गोसीखुर्द बांध के 15 गेट अभी भी खुले हुए है। इस बांध से 1885 क्यूमेक्स पानी का विसर्ग किया जा रहा है। गोंदिया जिले के पुजारीटोला बांध के 8 गेट और धापेवाडा के 5 गेट खुले हुए है। इन बांधों से लगातार नदी में पानी छोड़ा जा रहा है।
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जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भंडारा के अनुसार, जिले की नदियों, नालों, बांधों और तालाबों में पानी का स्तर बढ़ा हुआ है। इसलिए नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि इन स्थानों पर जाने से बचें और विशेष सावधानी बरतें। प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि नदी, बांध या तालाब के किनारे सेल्फी लेने का मोह न करें, क्योंकि एक क्षण की लापरवाही आपकी और आपके साथियों की जिंदगी को गंभीर खतरे में डाल सकती है।
इस समय नागरिकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। छोटी-सी लापरवाही भी गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकती है। प्रशासन की चेतावनी को गंभीरता से लें, अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित करें और नदी-नालों के किनारे जाने से बचें। भंडारा जिले के लोग इन प्राकृतिक परिस्थितियों के प्रति सजग हैं, पर सावधानी और संयम ही इस आपदा में सबसे बड़ी रक्षा है।