महाराष्ट्र के अधिकांश क्षेत्रों में भारी बारिश की संभावना (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Maharashtra Weather Update: महाराष्ट्र पर हवा का दबाव आज (28 तारीख) 1006 हेप्टापास्कल रहेगा। इसके चलते कुछ इलाकों में मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि कुछ समय के लिए मौसम खुला रहेगा। कल (29 तारीख) महाराष्ट्र पर हवा का दबाव 1004 हेप्टापास्कल रहेगा। इसके चलते ज्यादातर इलाकों में बारिश की मात्रा बढ़ जाएगी। मंगलवार से गुरुवार (30 सितंबर से 2 अक्टूबर) तक महाराष्ट्र पर हवा का दबाव घटकर 1002 हेप्टापास्कल रह जाएगा। इसके चलते महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में भारी बारिश और अतिवृष्टि की संभावना रहेगी।
शुक्रवार और शनिवार (3, 4 अक्टूबर) को हवा का दबाव 1004 हेप्टापास्कल तक बढ़ने से बारिश की मात्रा मध्यम रहना संभव है। महाराष्ट्र के कई जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश हुई है। पहले से ही बाढ़ से जूझ रहे मराठवाड़ा में अब और भी मुश्किलें बढ़ने की आशंका है। मौसम विभाग (IMD) ने 28 और 29 सितंबर को राज्य के विभिन्न हिस्सों समेत मराठवाड़ा में भारी बारिश की चेतावनी दी है। रायगढ़ जिले के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है और पुणे में भी आज सुबह से भारी बारिश शुरू हो गई है।
खडकवासला बांध क्षेत्र में बारिश की तीव्रता बढ़ने के कारण मुथा नदी में दस हज़ार क्यूसेक से ज़्यादा की गति से पानी का बहाव शुरू हो गया है। भारतीय मौसम विभाग की ताज़ा जानकारी के अनुसार, पश्चिम विदर्भ और उसके आसपास के इलाकों में एक निम्न दबाव का क्षेत्र सक्रिय है। पिछले 6 घंटों में यह क्षेत्र 43 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ा है। 28 सितंबर की सुबह 5.30 बजे यह सिस्टम अकोला से 50 किलोमीटर दक्षिण, संभाजीनगर से 180 किलोमीटर उत्तर-पूर्व, नासिक से 330 किलोमीटर और सूरत से 540 किलोमीटर दूर केंद्रित था। मौसम विभाग का अनुमान है कि अगले 12 घंटों में यह क्षेत्र कमजोर होकर मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र से होते हुए पश्चिम की ओर बढ़ेगा और निम्न दबाव के क्षेत्र में तब्दील हो जाएगा। हालाँकि, इस दौरान बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
अब सूर्य अपनी दक्षिणायन यात्रा शुरू कर चुका है, जिसके कारण दक्षिणी गोलार्ध में तापमान बढ़ने लगेगा। उस क्षेत्र में वायुदाब कम होगा और हवाएँ भारी मात्रा में बादलों को दक्षिणी गोलार्ध की ओर भी ले जाएँगी। इसके कारण, 10 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच मानसून महाराष्ट्र से निकल जाएगा। और फिर बारिश की मात्रा कम हो जाएगी। तेज़ धूप का एहसास होगा।
इस साल पेरू के पास प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय क्षेत्र में पानी की सतह का तापमान 14 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा हो गया है, जबकि इक्वाडोर के पास यह 23 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय संस्था NOAA ने हाल ही में भविष्यवाणी की है कि दिसंबर तक यह ठंडा बना रहेगा, जिससे ‘ला-नीना’ का असर महसूस हो रहा है। इसके चलते महाराष्ट्र के बाहर मानसून के आगमन में थोड़ी देरी होने की संभावना है। नतीजतन, अक्टूबर और नवंबर में भी कुछ बारिश होने की संभावना है।
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दूसरी ओर, मुंबई शहर में औसत से -4% कम बारिश हुई है, जबकि मुंबई उपनगरों में औसत से +29% अधिक बारिश हुई है।ये आँकड़े स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि मराठवाड़ा इस समय अत्यधिक वर्षा की चपेट में है, जिसका कृषि, जनजीवन और बुनियादी ढाँचे पर गहरा प्रभाव पड़ा है।
मौसम विभाग ने न केवल मराठवाड़ा में, बल्कि शेष महाराष्ट्र में भी अलर्ट जारी किया है। रायगढ़ में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि पुणे, नासिक, ठाणे, पालघर और बाँध क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है। ऐसा नदियों में बाढ़ की आशंका के कारण किया गया है।