एमआईडीसी (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: महाराष्ट्र की औद्योगिक बस्तियों (MIDC) में उद्योगों के लिए पानी की दरों में तीन गुना की भारी वृद्धि की गई है। इस दर वृद्धि के कारण अब उद्योगों को सालाना लगभग 93 करोड़ 30 लाख का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
पानी की दरों में अचानक हुई इस बढ़ोतरी से उद्योगों में गहरा असंतोष फैल गया है। राज्य भर में लगभग 289 औद्योगिक बस्तियां हैं। जिनमें छोटे, मध्यम और बड़े मिलाकर लगभग 64 लाख 76 हजार उद्योग कार्यरत हैं। ये सभी बस्तियां मिलकर सालाना लगभग 22 टीएमसी (अरब घन फीट) पानी का उपयोग करती हैं।
इन बस्तियों को जल संसाधन विनियमन प्राधिकरण के जरिए दरों में वृद्धि करके और एमआईडीसी के जरिए जल संसाधन विभाग द्वारा पानी की आपूर्ति की जाती है। पहले इन औद्योगिक इकाइयों के लिए एक हजार लीटर पानी का दर 4 रुपये 40 पैसे था, जिसमें दस साल से अधिक समय से कोई बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन सितंबर से उद्यमियों को बिना किसी पूर्व सूचना के अचानक पानी के दर में 15 प्रति हजार लीटर की वृद्धि कर दी गई है। पुरानी दर पर 22 27 करोड़ 99 लाख की वाटर सेस का भुगतान किया जाता था।
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फेडरेशन ऑफ चाकण इंडस्ट्रीज मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप बटवाल ने कहा है कि इस वृद्धि पर गंभीर आपत्ति जताते हुए कि एमआईडीसी द्वारा बढ़ाई गई पानी की दरें अवास्तविक हैं और यह उद्योगों पर अन्याय है। एमआईडीसी ने उद्योगों को विश्वास में लिए बिना और उनसे विचार-विमर्श किए बिना अचानक तीन से चार गुना वृद्धि की है।
इसका उद्योगों पर बुरा असर पड़ेगा, हम एमआईडीसी के इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएंगे और इस ‘जजिया कर’ को कम कराने के लिए सख्ती से प्रयास करेंगे। 1005 प्रति हजार लीटर की नई वृद्धि के कारण, यह भुगतान तीन गुना बढ़ गया है और अब उद्योगों को सालाना 93 करोड़ से अधिक की राशि वाटर सेस के रूप में देनी होगी।