
भाजपा नेता प्रज्ञा सातव, इनसेट-सोनिया गांधी व राहुल गांधी (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pradnya Satav Statement On Gandhi Family: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। दिवंगत नेता राजीव सातव की पत्नी प्रज्ञा सातव ने विधान परिषद और पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली है। उन्होंने इस बदलाव को अपने क्षेत्र के विकास के लिए उठाया गया कदम बताया है।
भाजपा में शामिल होने के बाद हिंगोली पहुंचीं प्रज्ञा सातव ने अपने इस फैसले का मुख्य कारण विकास का एजेंडा बताया है। उन्होंने कहा कि वह अपने दिवंगत पति राजीव सातव के उन विकास कार्यों को साकार करना चाहती हैं, जो अधूरे रह गए थे। विशेष रूप से कलमनुरी क्षेत्र में सिंचाई और किसानों से संबंधित कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं रुकी हुई हैं, जिन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने सत्तारूढ़ दल के साथ काम करने का निर्णय लिया है। प्रज्ञा ने यह भी दावा किया कि उनका भाजपा में प्रवेश पूरी तरह से बिना किसी शर्त के हुआ है।
राजनीतिक पाला बदलने के बावजूद प्रज्ञा सातव ने कांग्रेस नेतृत्व के प्रति अपना सम्मान कम नहीं होने दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी हमेशा उनके आदर्श बने रहेंगे। उन्होंने यह स्वीकार किया कि कांग्रेस ने ही उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाया था। गौरतलब है कि राजीव सातव को राहुल गांधी का अत्यंत करीबी माना जाता था, ऐसे में प्रज्ञा का भाजपा में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ी रणनीतिक क्षति है।
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प्रज्ञा ने राज्य में हो रहे बुनियादी ढांचे के विकास की प्रशंसा की और समृद्धि एक्सप्रेसवे का उदाहरण दिया, जिसने मुंबई और हिंगोली के बीच की दूरी को कम कर दिया है। देवेंद्र फडणवीस सरकार की इस प्रमुख परियोजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वह इसी तरह के विकास कार्यों में अपना योगदान देना चाहती हैं। राजीव सातव, जो 2009 में विधायक और 2014 में सांसद रहे थे, उनकी विरासत को अब प्रज्ञा भाजपा के मंच से आगे ले जाने की कोशिश करेंगी। भाजपा की ओर से प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण और राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने उनका पार्टी में स्वागत किया।
यह राजनीतिक बदलाव उस यात्री की तरह है जो अपनी यात्रा का मार्ग तो बदल लेता है ताकि वह मंजिल (विकास) तक जल्दी पहुँच सके, लेकिन अपने पुराने गुरुओं के प्रति सम्मान हमेशा अपने मन में संजोए रखता है।






