पुणे की हवा हुई साफ (pic credit; social media)
Pune Air Quality: पुणे की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के ताजा सर्वेक्षण के अनुसार, पुणे अब देश के 130 शहरों में से 10वें स्थान पर है। पिछले साल यह शहर 23वें स्थान पर था। विशेषज्ञों के अनुसार, यह सुधार कई कारकों का परिणाम है, जिसमें प्रदूषण नियंत्रण नीतियों, वाहनों की संख्या पर निगरानी और औद्योगिक उत्सर्जन में कमी शामिल है।
वायु गुणवत्ता सुधार के पीछे मुख्य तत्व पीएम2.5 और पीएम10 जैसे प्रदूषण कणों में कमी को माना जा रहा है। पीएम2.5 और पीएम10 छोटे कण हैं जो श्वसन तंत्र में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकते हैं। इन प्रदूषकों के स्तर में कमी से शहरवासियों की श्वसन संबंधी बीमारियों और एलर्जी के जोखिम में कमी आएगी।
पुणे शहर प्रशासन ने वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन, निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण और औद्योगिक क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाना शामिल हैं। इसके साथ ही नागरिकों को भी मास्क पहनने, कचरा सही तरीके से निपटाने और निजी वाहनों के कम उपयोग की सलाह दी जा रही है।
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विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह प्रवृत्ति जारी रहती है, तो आने वाले वर्षों में पुणे और भी स्वच्छ और स्वास्थ्यवर्धक वातावरण वाला शहर बन सकता है। उन्होंने जनता को चेतावनी दी है कि किसी भी प्रकार की लापरवाही, जैसे वाहन अधिक चलाना या औद्योगिक उत्सर्जन बढ़ाना, वायु गुणवत्ता को फिर से प्रभावित कर सकता है।
शहरवासियों ने भी इस सुधार को सराहा है और अधिक जागरूक होकर प्रदूषण नियंत्रण में योगदान देने का संकल्प लिया है। स्कूलों और कार्यालयों में वायु प्रदूषण पर चर्चा और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
कुल मिलाकर, पुणे की वायु गुणवत्ता में सुधार केवल सरकारी प्रयासों का परिणाम नहीं बल्कि नागरिकों की जागरूकता और सहयोग का भी उदाहरण है। यह सफलता देश के अन्य शहरों के लिए मॉडल साबित हो सकती है और भविष्य में वायु प्रदूषण नियंत्रण के प्रयासों को गति दे सकती है।