दौंड में वारकऱियों को लूटा, नाबालिग से दुष्कर्म (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे/सोलापुर: महाराष्ट्र की आषाढ़ी वारी जो लाखों श्रद्धालुओं के लिए आस्था, प्रेम और समर्पण की मिसाल है। इस बार एक दर्दनाक और शर्मसार कर देने वाली घटना से कलंकित हो गई। पुणे जिले के दौंड तालुका के स्वामी चिंचोली गांव के पास पंढरपुर की ओर जा रहे वारकऱियों को लूट लिया गया और एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म किया गया।
जिस यात्रा का मकसद भगवान विठ्ठल के दर्शन और भक्ति में लीन होना है, उसमें इस घिनौनी वारदात ने पूरे वारकरी समाज को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस के अनुसार, वारकरी दल पंढरपुर की ओर बढ़ते हुए दौंड के स्वामी चिंचोली गांव के पास रुका था। यह एक सामान्य पड़ाव था जहां लोग थकान मिटाने और चाय पीने के लिए रुके थे।
इसी दौरान बाइक पर सवार 2 युवक वहां आ धमके। उन्होंने धारदार हथियार को वारकऱियों की गर्दनों पर तान दिया और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। कुछ ही मिनटों में वारकऱियों से पैसे और कीमती सामान लूट लिया। आस्था और विनम्रता के साथ यात्रा कर रहे वारकरी इस हमले के सामने असहाय हो गए। कई लोग हाथ जोड़कर रहम की भीख मांगते रह गए, लेकिन हमलावरों के दिल में कोई दया नहीं थी।
लूट के बाद अपराधियों ने वारकरी दल की एक नाबालिग लड़की को जबरन खींचकर कुछ दूरी पर ले गए। वहां उन्होंने उसके साथ दुष्कर्म किया।
घटना के बाद पीड़िता बिलखती हुई अपने साथियों के पास लौटी। उसकी हालत देखकर हर कोई सन्न रह गया। श्रद्धा और भक्ति के इस पवित्र अभियान में इतना बड़ा कलंक लग गया। आंखों में आंसू लिए कई महिलाएं और बुजुर्ग कहने लगे “हम भगवान के नाम पर निकले थे, लेकिन हमारी बेटी की अस्मिता लूट ली गई।”
घटना की खबर फैलते ही पूरे वारकरी समुदाय में मातम पसर गया। लोग स्तब्ध रह गए कि जिस रास्ते पर भगवान के भजन गूंजते हैं, उसी पर इतनी बड़ी दरिंदगी हो सकती है। कई वारकरी महिलाएं कांपती आवाज में कहती रहीं “अब कैसे चलें? कैसे अपनी बेटियों को साथ लाएं?” पुरुष वारकरी भी बेहद आक्रोशित नजर आए। उन्होंने प्रशासन से सवाल किया “अगर भगवान के नाम पर चलने वाले भी सुरक्षित नहीं हैं तो और कौन सुरक्षित होगा?”
पुलिस ने दर्ज किया मामला, आरोपियों की तलाश जारी
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घटना की जानकारी मिलते ही दौंड पुलिस हरकत में आ गई। पीड़िता और वारकऱियों की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई। पुलिस ने पूरे इलाके में तलाशी अभियान तेज कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दिलाई जाएगी। स्थानीय प्रशासन ने भी घटना की निंदा करते हुए वारकरी समाज से माफी मांगी और भरोसा दिलाया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे।
इस शर्मनाक घटना के अलावा, पंढरपुर वारी के दौरान एक और धोखाधड़ी का मामला सामने आया। कुछ दिन पहले सासवड क्षेत्र में श्रद्धालुओं को विठ्ठल मंदिर के “टोकन दर्शन पास” के नाम पर नकली पास बेच दिए गए। कुछ लोगों ने पुराने पासों की नकल कर 100 रुपये में ये जाली पास वारकऱियों को थमा दिए। जब श्रद्धालु पंढरपुर पहुंचे और मंदिर प्रवेश द्वार पर पास स्कैन कराए गए, तो वे फर्जी पाए गए। मंदिर प्रशासन ने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए ऐसे सात भाविकों को अलग करके पूछताछ की। लेकिन बेचारे श्रद्धालु यह भी नहीं बता सके कि उन्हें ये नकली पास किसने बेचे थे। इस घटना ने पंढरपुर में भी हड़कंप मचा दिया।
मंदिर प्रशासन ने कहा कि भविष्य में ऐसी ठगी रोकने के लिए सुरक्षा और सख्त की जाएगी। वारकरी यात्रा सिर्फ एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की सांस्कृतिक आत्मा है। यह प्रेम, सेवा, भाईचारा और समर्पण का पर्व है। लेकिन दौंड में हुई यह वारदात ने दिखा दिया कि श्रद्धा के इस रास्ते पर भी राक्षसी प्रवृत्तियां मंडरा रही हैं। वारकरी समाज, नागरिक संगठन और आम लोग प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं “हमें सिर्फ भगवान के भरोसे मत छोड़ो। हमारी बेटियों की, हमारे भाइयों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी निभाओ।”