मालेगांव सहकारी चीनी मिल चुनाव में अजित पवार ने बाजी मारी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने मंगलवार को मालेगांव सहकारी चीनी मिल के चुनाव में अपनी सीट जीत ली। इसे ‘पवारों’ के गढ़ बारामती में चीनी निकाय पर सत्ता हासिल करने के लिए काफि अहम और प्रतिष्ठा की लड़ाई माना जा रहा था। एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि रविवार को हुए चुनाव में क्षेत्र के गन्ना किसानों के समूह ‘ए’ में 19,549 मतदाता थे, जबकि समूह ‘बी’ में 102 मतदाता थे।
समूह ‘बी’ में चीनी मिल से संबद्ध विभिन्न सहकारी निकायों के सदस्य हैं। मालेगांव सहकारी चीनी मिल के 21 सदस्यीय बोर्ड के चुनाव के लिए मतगणना जारी थी, लेकिन अजित पवार ‘बी’ श्रेणी में विजेता बनकर उभरे, जहां उन्हें प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार के मुकाबले 101 में से 91 वोट मिले तथा प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी को केवल 10 वोट मिले। तो वहीं ‘बी’ श्रेणी में एक मत नहीं डाला गया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता किरण गुजर ने इस संबंध की अधिकृत जानकारी दी।
किरण गुजर, अजित पवार के नेतृत् वाले नीलकंठेश्वर पैनल के लिए चुनावों की देखरेख कर रहे हैं। बारामती स्थित चीनी मिल के 21-सदस्यीय निदेशक मंडल के लिए अजित पवार उन 90 उम्मीदवारों में शामिल हैं, जो पार्टी टिकट पर नहीं, बल्कि विभिन्न पैनलों के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। सहकारी चीनी मिल का चुनाव लड़ रहे राकांपा प्रमुख अजित पवार की अध्यक्षता वाले नीलकंठेश्वर पैनल के पास वर्तमान में मिल की सत्ता है।
पंढरपुर की वारी में उठी जनमन की पुकार, सपकाल ने विठु माउली से की प्रार्थना
बता दें कि नीलकंठेश्वर पैनल और चंद्रराव तावरे के नेतृत्व वाले सहकार बचाव पैनल के अलावा, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) ‘बलीराजा सहकार’ पैनल बनाकर मैदान में थे, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया था। अजित पवार के चाचा शरद पवार सीधे तौर पर मैदान में नहीं थे लेकिन फिर भी यह मुकाबला जैसे अजित पवार बनाम शरद पवार ही था।
(एजेंसी इनपुट के साथ)