पीएम मोदी के महाराष्ट्र दौरे पर आंदोलन का ग्रहण (सौ : सोशल मीडिया )
मुंबई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पालघर में विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे, जिनमें वधावन बंदरगाह की आधारशिला प्रमुख है। इस परियोजना की कुल लागत लगभग 76,000 करोड़ रुपये है। इस बीच कांग्रेस ने मुंबई में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आव्हान किया है। कहा जा रहा है कि मछुआरों ने भी इस परियोजना को लेकर विरोध करने का फैसला किया है।
बताया जा रहा है कि आज सुबह 11 बजे बांद्रा के कुर्ला कॉम्लेक्स पहुचे। इससे पहले कांग्रेस सांसद वर्षा गायकवाड़ ने उनके सामने प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी। सिंधुदुर्ग के मालवन में प्रधानमंत्री द्वारा बनाई गई शिवाजी महाराज की एक प्रतिमा गिर गई। इसे लेकर कांग्रेस ने मांग की है कि पीएम मोदी को महाराष्ट्र की जनता से माफी मांगनी चाहिए। लेकिन आंदोलन से पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने आंदोलन की चेतावनी के बाद वर्षा गायकवाड़ और भाई जगताप को हिरासत में लिया। इसके बाद वर्षा गायकवाड़ ने एक्स पर वीडियो पोस्ट कर सरकार की आलोचना की है।
ज्यांनी पुतळ्याचे कंत्राट दिले, ज्यांनी पुतळ्याची रचना केली आणि ज्यांनी पुतळा उभारला.. त्या मुख्य दोषींना मोकळं सोडून एवढा मोठा पोलिसांचा फौजफाटा माझ्या घराबाहेर लावला आहे.. काँग्रेसच्या कार्यकर्त्यांना सुद्धा कारागृहात डांबून ठेवण्यात येत आहे..
हे पहा व्हिडिओज..
जेरबंद केले… https://t.co/ljcc35puqj pic.twitter.com/F1KIhciEMh
— Prof. Varsha Eknath Gaikwad (@VarshaEGaikwad) August 30, 2024
मछुआरों ने दहानू खाड़ी में अपने नावों में काले गुब्बारे लगाकर विरोध जताया है। इस बंदरगाह के काम के खिलाफ संघर्ष समिती और मछुआरों द्वारा प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया था। वहीं मछुआरों ने अनोखे अंदाज में नावों पर काले गुब्बारे लगाकर विरोध जताया। उनका कहना है कि इस प्रोजक्ट से स्थानीय मछली पकड़ने वाले समुदायों, कृषि और आदिवासी समुदायों की आजीविका प्रभावित होगी।
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पीएमओ के मुताबिक, वधावन बंदरगाह परियोजना का उद्देश्य विश्वस्तरीय समुद्री प्रवेश द्वार स्थापित करना है, जो देश के व्यापार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा। पालघर जिले के दहानू शहर के पास स्थित वधावन बंदरगाह भारत में गहरे पानी में स्थित सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक होगा। यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री परिवहन के लिए सीधा संपर्क प्रदान करेगा, समय की बचत करेगा और लागत में भी कमी लाएगा।
यह बंदरगाह अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी एवं बुनियादी ढांचे से लैस होगा और इसकी प्रबंधन प्रणाली भी आधुनिक होगी। पीएमओ ने कहा कि बंदरगाह से रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा होने, स्थानीय व्यवसायों को प्रोत्साहन मिलने और क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास में मदद की उम्मीद है।