मुंबई के आंदोलनकारियों के लिए परभणी का घर का स्वाद (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Parbhani News: मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण दिलाने की माँग को लेकर आज़ाद मैदान, मुंबई में चल रहे मनोज जरांगे पाटिल के अनशन आंदोलन को परभणी जिले से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। आंदोलन में शामिल हजारों लोगों के भोजन की चिंता दूर करने के लिए परभणीवासियों ने मिसाल पेश की। सोमवार की सुबह परभणी से रवाना हुए दो बड़े ट्रकों में भरे 75 हजार भोजन किट्स आज़ाद मैदान पहुँचाए गए। इनमें घर का बना भोजन, भाकरी, चटनी, लोणचा, प्याज और त्योहारों की मिठाइयाँ शामिल थीं। घर जैसी शिदोरी पाकर आंदोलनकारियों को बड़ा संबल मिला और बीते चार दिनों से डटे मराठा समाज के लोगों के चेहरों पर सुकून लौट आया।
यह आंदोलन 29 अगस्त से आज़ाद मैदान में जारी है। परभणी जिले के युवा 27 अगस्त से ही पैदल और वाहनों में मुंबई की ओर कूच कर चुके थे। अब तक लाखों की संख्या में समाजबंधु आज़ाद मैदान पहुँच चुके हैं। गणेशोत्सव और महालक्ष्मी जैसे त्योहारों को भी पीछे छोड़कर, परभणी के युवाओं ने आंदोलन को प्राथमिकता दी और आज़ाद मैदान पर डेरा जमाया।
परभणी में आंदोलनकारियों की भोजन व्यवस्था हेतु विशेष सहायता केंद्र बनाया गया। सोशल मीडिया के जरिए नागरिकों से अपील की गई कि हर घर से 10 भाकरी, चटनी, ठेचा, प्याज और त्योहारों की मिठाइयाँ लाकर जमा करें। इस आह्वान को अपार प्रतिसाद मिला और चंद घंटों में ही हजारों परिवारों ने सहयोग दिया। यह नजारा परभणी समाज की उदारता और एकजुटता का प्रतीक बन गया।
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जुटाए गए भोजन सामग्री को व्यवस्थित ढंग से पैक कर 75 हजार किट्स तैयार की गईं। रविवार देर रात इन्हें दो बड़े ट्रकों में भरकर मुंबई रवाना किया गया। सोमवार सुबह ये ट्रक आज़ाद मैदान पहुँचे और आंदोलनकारियों के हाथों तक शिदोरी पहुँची। घर का स्वाद पाकर आंदोलनकारी भावुक हो उठे और परभणी की इस आत्मीयता ने आंदोलन को और ऊर्जा प्रदान की।
परभणी ही नहीं, आसपास के गाँव और शहरों से भी लगातार समाजबंधु मुंबई पहुँच रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप पर आंदोलन की तस्वीरें व वीडियो वायरल हो रहे हैं। युवाओं ने सरकार से अपील की है कि आरक्षण की माँग को गंभीरता से स्वीकार कर ठोस निर्णय लिया जाए। आज़ाद मैदान का यह आंदोलन सिर्फ आरक्षण की लड़ाई नहीं, बल्कि एकता, त्याग और सामूहिक संघर्ष का जीवंत उदाहरण बन गया है।