मनोज जरांगे
Maratha Protest News: मराठा समाज को ओबीसी कोटे से आरक्षण की मांग कर रहे मनोज जरांगे पाटिल का ‘हठ आंदोलन’ चौथे दिन भी जारी रहा। सोमवार से उन्होंने पानी पीना भी अब बंद कर दिया है। मनोज जरांगे ने इसकी चेतावनी पहले ही सरकार को दे दी थी। कमजोर स्वास्थ्य वाले मनोज जरांगे की तबियत शुक्रवार से जारी अनशन की वजह से पहले से ही खराब होने लगी है। उस पर सोमवार से जल त्यागने के बाद उनकी हालत और बिगड़ने लगी है। इससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
दूसरी तरफ इस मामले की सोमवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जहां एक तरह से कोर्ट ने मनोज जरांगे को राहत ही दी है। कोर्ट ने मनोज जरांगे के आंदोलन के अधिकार को अबाध रखा है। सरकार ने आजाद मैदान में आंदोलनकारियों भोजन-पानी एवं अन्य सुविधाओं को भी जारी रखने को कहा। फिलहाल मामले में कोर्ट मंगलवार को फिर सुनवाई करने वाला है।
आजाद मैदान पर मनोज जरांगे का आंदोलन लंबा खिंचने के संकेत मिल रहे हैं। मराठा आंदोलन के चौथे दिन आंदोलन स्थल पर एक बड़ा मंच बनाने का काम चल रहा है। मराठा प्रदर्शनकारियों को बारिश से बचाने के लिए प्रदर्शनकारी करीब पांच हजार लोगों के लिए वाटरप्रूफ मंडप बना रहे हैं। आंदोलन शुरू होने के बाद शुरुआती दो दिन तक प्रदर्शनकारियों को आजाद मैदान में बारिश में भीगना पड़ा। मैदान कीचड़ से भर गया, जिससे प्रदर्शनकारियों का बैठना और खड़ा होना मुश्किल हो गया। इसलिए अब रात में मैदान कॉन्क्रीट बिछाया गया है तथा वाटरप्रूफ मंडप बनाने का काम भी युद्धस्तर पर चल रहा है।
लगभग 50 हजार मराठा आंदोलनकारी एवं उनके करीब 5 हजार वाहन मुंबई में पहले ही पहुंचे हैं। इसकी वजह से खासकर दक्षिण मुंबई पूरी तरह से जाम हो गई है। इसे संज्ञान में लेते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को मुंबई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) परिसर एवं आजाद मैदान के आसपास की सड़कों सहित दक्षिण मुंबई से आंदोलनकारियों हटाने का आदेश सरकार को दिया है लेकिन मनोज जरांगे ने आंदोलनकारियों नियमों का पालन करने का निर्देश देते हुए सरकार को भी चेतावनी दे दी है कि आरक्षण के बगैर एक भी मराठा मुंबई नहीं छोड़ेगा।
स्वास्थ्य या अन्य किसी वजह से यदि किसी को मुंबई छोड़ना पड़ता भी है तो वह अपनी जगह पांच और लोगों को मुंबई भेजेगा। इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि मराठों के साथ जोर-जबरदस्ती की गई तो हम पूरे राज्य से पांच करोड़ मराठों को मुंबई बुला लेंगे।
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जरांगे ने आरोप लगाया कि फडणवीस इस मुद्दे पर निर्णय में जानबूझकर देरी कर रहे हैं. जरांगे ने दावा किया, “(समुदाय को आरक्षण देने का) फैसला लेना बहुत आसान है। राज्य सरकार को बस इतना कहना है कि वह हैदराबाद, सतारा और अन्य गजेटियर लागू कर रही है तथा मराठवाड़ा के सभी मराठों को कुनबी घोषित कर रही है। ऐसे प्रमाणपत्रों का वितरण जिलाधिकारियों और तहसीलदारों द्वारा किया जा सकता है।”