मुरबे पोर्ट (सोर्स: सोशल मीडिया)
Murbe Port Project: पालघर जिले में प्रस्तावित मुरबे मल्टी-कार्गो बंदरगाह परियोजना को लेकर मछुआरा संगठनों ने तीखी आपत्ति जताई है। संगठनों का कहना है कि इस परियोजना के लिए तैयार की गई पर्यावरणीय प्रभाव आकलन (ड्राफ्ट ईआईए) रिपोर्ट अधूरी, भ्रामक और अवैध है।
अखिल महाराष्ट्र मच्छीमार कृति समिति ने आरोप लगाया है कि जिलाधिकारी इंदुमती जाखड़ की अध्यक्षता में 6 अक्टूबर, 2025 को होने वाली जन सुनवाई एक फर्जी और धोखाधड़ीपूर्ण प्रक्रिया है, क्योंकि यह पर्यावरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित 20 टीओआर (Terms of Reference) शर्तों का उल्लंघन करती है।
समिति का कहना है कि इस परियोजना से लाखों मछुआरा परिवारों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। स्थानीय गांवों में भारी ट्रक यातायात, धूल, शोर और प्रदूषण बढ़ेगा।मैंग्रोव और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र, जो प्राकृतिक सुरक्षा दीवार का काम करते हैं, नष्ट हो जाएंगे।
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अखिल महाराष्ट्र मच्छीमार कृति समिति ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, राज्य पर्यावरण मंत्रालय, जिलाधिकारी और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीसीबी) से मांग की है कि 6 अक्टूबर को प्रस्तावित जन सुनवाई को तत्काल रद्द या स्थगित किया जाए। सभी टीओआर शर्तों को पूरा करने के बाद ही नई और पारदर्शी सुनवाई आयोजित की जाए।
समिति के अध्यक्ष देवेंद्र दामोदर टंडेल और महासचिव संजय कोली ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने मांगों की अनदेखी की, तो मछुआरा समुदाय जनआंदोलन और विरोध प्रदर्शनों के लिए मजबूर होगा।