महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे (सोर्स: सोशल मीडिया)
Women And Child Development Department Meeting: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने शुक्रवार को कहा कि विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए, सभी राज्य महिलाओं और बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए लागू की गई योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करें। केंद्र सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
इस मौके पर महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने मांग की कि महाराष्ट्र में मिशन वात्सल्य और मिशन शक्ति योजनाओं के क्रियान्वयन को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए केंद्र सरकार से समन्वय आवश्यक है। साथ ही राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है।
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी की अध्यक्षता में शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से एक बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर विभिन्न राज्यों के महिला एवं बाल विकास विभागों के मंत्री वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित थे।
इस अवसर पर विकसित भारत के परिप्रेक्ष्य में महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास पर चर्चा की गई। साथ ही, योजना के क्रियान्वयन को और सुदृढ़ बनाने के लिए एक स्पष्ट मानव संसाधन नीति, पर्याप्त बुनियादी ढांचा, वित्तीय संतुलन, उचित वेतन, विश्वसनीय गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी और सब्सिडी पर भी चर्चा की गई।
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने स्पष्ट किया कि राज्य में बाल विवाह, दहेज प्रथा, घरेलू हिंसा और यौन शोषण की रोकथाम के उपायों के साथ-साथ नई शिक्षा नीति के अंतर्गत “पढ़ाई भी, पोषण भी” योजना का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है।
साथ ही, राज्य कुपोषण उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ रहा है और इसके लिए उन्होंने शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 8 हजार से अधिक करने की मांग की।
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मंत्री तटकरे ने कहा कि 2018 के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए बुनियादी प्रशिक्षण और सुविधाओं की आवश्यकता है। ‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए वन स्टॉप सेंटर, महिला हेल्पलाइन 181, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, नारी अदालत जैसी योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं।
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा कि इनके अधिक प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पट्टा समझौते, जिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और हेल्पलाइन के लिए अलग से वाहन होना आवश्यक है।