सुशील कुमार शिंदे
Nashik News: पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने देश में चुनाव से जुड़ी गड़बड़ियों और मतदाता सूची में धांधली को लेकर चुनाव आयोग पर निशाना साधा है। शिंदे ने स्पष्ट किया कि जब चुनाव आयोग बात नहीं सुनता है, तो आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचता है। शिंदे ने यह विचार नाशिक में कविवर्य नारायण सुर्वे सार्वजनिक वाचनालय द्वारा आयोजित साहित्य सम्मेलन के उद्घाटन के बाद पत्रकारों से बातचीत में व्यक्त किए।
सुशील कुमार शिंदे ने कहा, विपक्षी दल पिछले दिनों हुई गलतियों को सुधारने का काम कर रहे हैं। राहुल गांधी ने देश भर के चुनावों में हुई गड़बड़ियों, मतदाता सूची में धांधली सहित पूरी जानकारी दी है, लेकिन आयोग की आँखें नहीं खुलती हैं। उन्होंने आगे कहा कि देश के अलग-अलग राज्यों में हुए चुनावों में गड़बड़ी हुई। मतदाता सूचियों में नाम गायब, गांव गायब जैसी कई त्रुटियों की जानकारी देने के बाद भी चुनाव आयोग कुछ नहीं कर रहा है।
हमने चुनाव आयोग के आयुक्तों से मुलाकात की और चर्चा की है। इस संबंध में कानून बनाया जाना चाहिए, यदि कुछ गलत हो रहा है तो उसे ध्यान में लाना आवश्यक है। शिंदे ने साफ कहा कि अगर इस स्थिति से कोई रास्ता नहीं निकलता है तो आंदोलन ही एकमात्र विकल्प बचता है। इसके लिए हमें आंदोलन करना पड़ेगा।
स्थानीय स्वराज्य संस्था (निकाय) चुनाव के संबंध में शिंदे ने कहा कि महाविकास अघाड़ी के लिए कांग्रेस पदाधिकारी एक साथ बैठक करेंगे और निर्णय लेंगे। नक्सलवाद के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नक्सलवाद को रोकने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस काम कर रहे हैं, इसके लिए उन्हें बधाई।
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शिंदे ने मुख्यमंत्री फडणवीस के उस विश्वास पर अपनी राय रखी, जिसमें उन्होंने 2025 तक नक्सलवाद से मुक्ति की बात कही है। शिंदे ने कहा, वास्तव में यह संभव नहीं है लेकिन, अगर मुख्यमंत्री इसके लिए प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें शुभकामनाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि माओवादी आज भी क्यों लड़ते हैं, यह अभी तक समझा नहीं गया है, और इसके मूल में जाने की जरूरत है। शिंदे ने विश्वास जताया कि गरीबों के लिए काम करने और उनके मुद्दों को हल करने से ही माओवाद समाप्त होगा।