सीएम देवेन्द्र फड़णवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे, अजित पवार
Ghatkopar Bhoomipujan for SRA Projects: 45 सालों से अधर में लटकी पुनर्विकास योजना आखिर अपने अंजाम तक पहुंचने लगी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को घाटकोपर स्थित माता रमाबाई आंबेडकर नगर और कामराज नगर पुनर्विकास परियोजना का भूमिपूजन कर नई शुरुआत की। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ ईंट-पत्थर का निर्माण नहीं बल्कि हजारों परिवारों के सम्मानजनक जीवन का नया अध्याय है।”
यह महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण (एमएमआरडीए) और स्लम पुनर्विकास प्राधिकरण (एसआरए) का संयुक्त उपक्रम है। सरकार के मुताबिक, दो वर्षों में इस योजना का पहला चरण पूरा कर लिया जाएगा। कुल 31.82 हेक्टेयर क्षेत्र में बनने वाली इस परियोजना से लगभग 17,000 झोपड़वासी परिवारों को नया घर मिलेगा।
एमएमआरडीए पहली बार डेवलपर की भूमिका में नजर आ रहा है जबकि एसआरए प्लानिंग अथॉरिटी के रूप में काम करेगा। अब तक 15.63 हेक्टेयर भूमि औपचारिक रूप से एमएमआरडीए को हस्तांतरित की जा चुकी है। यह क्षेत्र ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के पास है और एयरपोर्ट, घाटकोपर स्टेशन व मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक से जुड़ा हुआ है, जिससे यहां की कनेक्टिविटी और भी शानदार हो जाएगी।
पहले चरण में 4,345 परिवारों को पुनर्वास मिलेगा। हर पात्र परिवार को 300 वर्गफुट का 1 बीएचके फ्लैट मुफ्त दिया जाएगा। फ्लैट्स में मॉडर्न सुविधाएं होंगी– 600×600 मिमी विट्रिफाइड टाइल्स, ग्रेनाइट प्लेटफॉर्म, स्टेनलेस स्टील सिंक, सिरेमिक टाइल बाथरूम, एल्युमिनियम विंडो और वॉटर-सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम। इसके साथ ही सोलर पैनल, रेनवॉटर हार्वेस्टिंग और ऑर्गेनिक वेस्ट कन्वर्जन सिस्टम भी लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने भूमिपूजन समारोह में घोषणा की कि शहीद सैनिक मुरली नाईक के परिवार को परियोजना में एक दुकान दी जाएगी ताकि उनका जीवन यापन सुचारू रूप से चल सके। इस योजना में महिलाओं के लिए स्वरोजगार के अवसर, छोटे व्यवसाय और स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
पहले चरण की अनुमानित निर्माण लागत 1,299 करोड़ रुपये है और ठेकेदार बी.जी. शिर्के कंपनी को नियुक्त किया गया है। अब तक 3,662 झोपड़ियां खाली कराई जा चुकी हैं और पात्र परिवारों को 137.50 करोड़ रुपये अग्रिम किराए के रूप में मिल चुके हैं।
यह प्रोजेक्ट सिर्फ ‘स्लम फ्री महाराष्ट्र’ की दिशा में कदम नहीं बल्कि मुंबई के पुनर्विकास मॉडल का नया चेहरा है। घाटकोपर के आसमान में अब झोपड़ियों की जगह ऊंची इमारतें और उम्मीदों के नए मकान खड़े होंगे।