Maharashtra News : कीमतें बढ़ीं तो विदेशी शराब छोड़ दी! बीयर और देसी शराब बनी पहली पसंद
Nashik News: महाराष्ट्र सरकार द्वारा विदेशी शराब की कीमतों में वृद्धि करने के बाद, शराब पीने वालों ने अब अपना ध्यान बीयर और देसी शराब की ओर मोड़ लिया है। राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के आंकड़ों से यह बात सामने आई है कि विदेशी शराब की बिक्री में भारी गिरावट आई है, जबकि बीयर की बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। नाशिक जिले में शराब पीने के शौकीनों की संख्या अधिक होने के कारण जिले में विक्रेताओं की आय में खासी गिरावट देखने को मिल रही है।
नाशिक शहर को वाईन का हब माना जाता है, ऐसे में शराब की कीमतें बढने से आम नागरिक जिसे रोज शराब पीने की लत है उसकी जेब पर भारी बार पड गया है जिसके कारण अधिकतर लोग बियर पीने में रुची ले रहे हैं। अधिकतर मजदूर और मध्यमवर्ग के लोग देसी शराब पीने लगे हैं ऐसे नाशिक के गली कूचों में देसी शराब के ढर्रों पर भीड दिखाई देने लगी है।
राज्य सरकार ने विदेशी शराब पर 10% वैट, 15% लाइसेंस शुल्क और 9% से अधिक अतिरिक्त उत्पादन शुल्क लगाने का निर्णय लिया था। इसके बाद, जून में इन शराबों की कीमतें बढ़ गईं। दूसरी ओर, होटल और रेस्टोरेंट में भी शराब बिक्री पर अतिरिक्त शुल्क वसूला जा रहा है, जिससे विदेशी शराब की बिक्री का प्रमाण कम हो गया है।
राज्य उत्पादन शुल्क विभाग द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, ज़िले में बीयर की बिक्री में बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है, वह भी मानसून के महीनों में, जब आमतौर पर बिक्री कम होती है।
जुलाई 13.96%
अगस्त 50.56%
सितंबर 29.44%
उप-अधीक्षक, राज्य उत्पादन शुल्क, अमृत तांबारे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, कि बीयर की बिक्री आमतौर पर गर्मियों में अधिक होती है, लेकिन इस साल यह जुलाई, अगस्त और सितंबर, इन तीनों बारिश के महीनों में बहुत अधिक हुई। वहीं, विदेशी शराब की बिक्री में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
महीना | वृद्धि |
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जुलाई | 7.98% |
अगस्त | 19.61% |
सितंबर | 23.88% |
देसी शराब और वाइन की बिक्री भी बढ़ी। बीयर के साथ-साथ, कुछ शराब शौकीनों ने अपना रुख देसी शराब और वाइन की ओर भी मोड़ा है, जिनकी बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गई है।
पेय जुलाई में वृद्धि अगस्त में वृद्धि सितंबर में वृद्धि
देसी शराब 0.04% 10.83% 4.89%
वाइन 8.43% 32.77% 29.14%
कीमतें बढ़ने से पहले ओसी और नंबर वन जैसी विदेशी शराब की 180 एमएल की बोतल लगभग 160 में आती थी, जिसकी कीमत अब बढ़कर 220 हो गई है। वहीं 90 एमएल की बोतल की कीमत 85 से बढ़कर 120 हो गई है।
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इससे पहले, देसी और विदेशी शराब की बिक्री से सरकार को 43 हजार करोड़ का राजस्व मिलता था। सरकार को उम्मीद थी कि इस वृद्धि से 14 हजार करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा, लेकिन बिक्री में आई इस गिरावट के कारण राजस्व कम होने की आशंका जताई जा रही है।