नाशिकरोड गोलीबारी मामले का आरोपी 'माले' गिरफ्तार (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Nashik Crime: नासिकरोड के फर्नांडिसवाड़ी में हफ्ता वसूली और वर्चस्व स्थापित करने के लिए चौक में गोलीबारी कर पिछले ढाई महीने से फरार चल रहे बेद गैंग के कट्टर समर्थक रोहित गोविंद डिंगम उर्फ माले को नासिकरोड पुलिस ने गोरेवाड़ी से गिरफ्तार कर लिया है। फरार होने के बावजूद, शुक्रवार 19 सितंबर को वह देसी पिस्तौल के साथ एक दोस्त से मिलने आया था, तभी नासिकरोड पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया। माले उर्फ डिंगम पर छेड़छाड़, हत्या और हत्या के प्रयास जैसे छह मामले दर्ज हैं। उसे जल्द ही उपनगर पुलिस को सौंपा जाएगा।
जयभवानी रोड पर बेद और उज्जैनवाल गिरोह के बीच पिछले बारह वर्षों से दुश्मनी चल रही है। इन गिरोहों के शातिर अपराधी और उनके परिवार के सदस्य उपनगर, नाशिकरोड, मालधक्का रोड, बिटको, फर्नांडिसवाड़ी, जयभवानी रोड और अन्य इलाकों में रंगदारी और हफ्ता वसूली करते हैं। दोनों गिरोहों की गुंडागर्दी से स्थानीय नागरिक और व्यापारी परेशान हैं, और सख्त कार्रवाई के बाद भी उनमें कोई सुधार नहीं हुआ है। हाल के दिनों में दोनों गिरोहों के सदस्य कुछ पुराने मामलों में जमानत पर बाहर हैं।
इसी बीच, 19 जुलाई की रात को दोनों गिरोहों ने फर्नांडिसवाड़ी में एक-दूसरे पर देसी कट्टे से गोलीबारी की थी। सौभाग्य से, इसमें किसी को कोई चोट नहीं आई थी। पुलिस ने इस मामले में दोनों गुटों के संदिग्ध टक्या उर्फ सनी रावसाहेब पगारे, इरशाद चौधरी, बारक्या उर्फ श्रीकांत वाकोडे, सुशांत नाठे, राहुल उज्जैनवाल, रोहित गोविंद डिंगम उर्फ माले और दोनों गुटों के दस अज्ञात संदिग्धों (सभी फर्नांडिसवाड़ी, उपनगर निवासी) के खिलाफ मामला दर्ज किया था और कुछ संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया था।
लेकिन, बेद गैंग का समर्थक माले 19 जुलाई से फरार था। उसकी तलाश के दौरान, 19 सितंबर को शाम 5:30 बजे पुलिस कांस्टेबल विशाल कुवर को सूचना मिली कि वह गोरेवाड़ी में मनपा स्कूल के सामने एक दोस्त से मिलने आया है। इसके बाद, पुलिस टीम ने जाल बिछाकर उसे एक देसी पिस्तौल और जिंदा कारतूसों के साथ हिरासत में ले लिया। इस संबंध में नासिकरोड पुलिस में मामला दर्ज किया गया है और जांच के बाद उसे उपनगर पुलिस को सौंप दिया जाएगा।
जुलाई में, संदिग्ध राहुल उज्जैनवाल का हमेशा वकीलपत्र लेने वाली उसकी चाची एडवोकेट जसलीन चहल के घर पर बेद गैंग के सदस्य रोहित डिंगम उर्फ माले और उसके साथियों ने आधी रात को पत्थरबाजी कर तोड़फोड़ की थी। उन्होंने घर पर शराब की बोतलें भी फेंकी थीं, जिससे इलाके में डर का माहौल फैल गया था। बेद और उज्जैनवाल गिरोह के सदस्यों के बाहर आने से पुलिस के साथ-साथ आम नागरिकों की परेशानी भी बढ़ गई है। नागरिकों का कहना है कि खुलेआम चौक में दो गुटों का एक साथ आकर गोलीबारी करना पुलिस के डर को खत्म कर रहा है, और पुलिस की पेट्रोलिंग, रात्रि गश्त और ‘स्टॉप एंड सर्च’ जैसी कार्रवाई भी विफल साबित हो रही हैं।
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माले, उज्जैनवाल और बेद गैंग की दुश्मनी बढ़ी।
कुछ महीने पहले ही दोनों गिरोहों पर ‘मोक्का’ (महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम) के तहत कार्रवाई की गई थी।
मयूर बेद और उसके गिरोह का ‘मोक्का’ रद्द हो गया है।
फरवरी 2024 में बरखा उज्जैनवाल पर भी गोलीबारी हुई थी।
दोनों गिरोहों पर क्रमशः 22 मामले दर्ज हैं।