
प्रतीकात्मक तस्वीर ( सोर्स: सोशल मीडिया AI )
Revenue Department Action News: नासिक इगतपुरी और त्र्यंबकेश्वर की हसीन वादियों में अवैध निर्माण करने वालों की अब खैर नहीं। राजस्व विभाग ने इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर हो रहे गैर-कानूनी निर्माणों और जमीन के गलत इस्तेमाल के खिलाफ ‘ऑपरेशन V’ शुरू किया है।
इस मुहिम से उन लैंड माफिया और बिजनेसमैन की नींद उड़ गई है जिन्होंने खेती की जमीन पर बिना अनुमति के होटल, रिसॉर्ट, टूरिस्ट होम और आलीशान विला खड़े कर दिए हैं।
धोखाधड़ी और लैंड माफिया का बोलबाला त्र्यंबकेश्वर और इगतपुरी अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक किलों और धार्मिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं। इसी का फायदा उठाकर कई निवेशकों और भू-माफिया ने यहां जमीन खरीदी।
जांच में पाया गया है कि खेती के लिए खरीदी गई जमीन का इस्तेमाल बिना अनुमति के कमर्शियल कामों जैसे होटल और रेस्टोरेंट के लिए किया जा रहा है।
नियमों को ताक पर रखकर बहुमंजिला इमारतें बनाई गई हैं, जिन्हें ऑनलाइन बुकिंग के जरिए डेली या मंथली किराए पर दिया जा रहा है। शहरी आबादी से दूर इन निर्जन स्थानों पर चलने वाली संदिग्ध गतिविधियों से कानून-व्यवस्था बिगड़ने का खतरा भी बढ़ गया है।
ये दोनों तहसीले आदिवासी बहुल है। आरोप है कि भू-माफिया आदिवासियों को खेती के प्रोजेक्ट का झांसा देकर उनकी जमीने गैर-कृषि (NA) करवाते है और फिर मामूली रकम देकर उन्हें हथिया लेते हैं।
आदिवासी जमीन के मालिकों की सुरक्षा करने वाले कानूनों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है, डैम एरिया की जमीनों पर भी माफिया का कब्जा है, जिससे सालों से वहां गुजारा करने वाले किसान बेघर और भूमिहीन हो रहे हैं।
पुलिस प्रशासन द्वारा इन शिकायतों को राजस्व विभाग का मामला बताकर पहले नजरअंदाज किया गया था, लेकिन अब राजस्व विभाग खुद एक्शन मोड में है। डिप्टी कलेक्टर दत्ता ने एक विशेष टीम का गठन किया है जो इन सभी अवैध निर्माणों की बारीकी से जांच करेगी।
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इस अभियान के तहत उन सभी होटलो, रिसॉर्ट्स और फार्म हाउसों की सूची तैयार की जा रही है जो नियमों के विरुद्ध चल रहे हैं। प्रशासन की इस कड़ी कार्रवाई से पूरे नासिक जिले के भू-माफिया में हड़कंप मचा है।






