गिरीश महाजन (सौजन्य-सोशल मीडिया)
नासिक: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025 का आज आखिरी दिन है। इसके बाद कुंभ के लिए सभी की नजरें नासिक की ओर होगी। क्योंकि अगला कुंभ मेला महाराष्ट्र के नासिक जिले में आयोजित किया जाएगा। इस भव्य आयोजन के लिए महाराष्ट्र सरकार ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी है।
नासिक कुंभ 2027 पर मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, “हमने चीजों की योजना बनाई है लेकिन हमारे पास जगह और पानी कम है। सबसे बड़ी चुनौती यह है कि हमारा कुंभ बारिश के मौसम में होता है। हमने बैठक में इस पर चर्चा की है।”
नासिक कुंभ मेला 2027 पर महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, “हम यूपी सरकार की तरह कुंभ मेले पर एक अधिनियम लाना चाहते हैं, ताकि कुंभ मेले का काम आसानी से और तेज़ गति से हो सके।”
#WATCH | Mumbai: On Nashik Kumbh Mela 2027, Maharashtra Minister Girish Mahajan says, " We want to bring in an act on Kumbh Mela like UP govt, so that the work of Kumbh Mela goes on easily and at a fast pace…CM (Devendra Fadnavis) held a meeting today over this, in the coming… pic.twitter.com/eyG0WFccU5 — ANI (@ANI) February 26, 2025
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आज नासिक कुंभ को लेकर एक बैठक की। गिरीश महाजन ने बताया, “आने वाले विधानसभा सत्र में यह अधिनियम लाया जाएगा। कुंभ मेले के संबंध में परिवहन, पेयजल और स्वास्थ्य सुविधाओं सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। सीएम ने आश्वासन दिया है कि कुंभ के लिए पैसे की कोई कमी नहीं होगी।”
महाकुंभ में मची भगदड़ के बारे में भी बैठक में चर्चा हुई और इस बात को लेकर आश्वस्त किया गया कि नासिक कुंभ में इस तरह की कोई भी घटना ना हो। गिरीश महाजन ने कहा, “यह स्वच्छ और सुरक्षित होना चाहिए, कोई भगदड़ या हताहत नहीं होना चाहिए। इसके लिए भी गंभीर चर्चाएं की गई।”
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जानकारी दें कि नासिक मनपा ने 2027-28 में होने वाले आगामी सिंहस्थ कुंभ मेले के लिए अपने बजट में 60 प्रतिशत की कटौती की थी। संशोधित बजट को 15 हजार करोड़ से घटाकर 7 हजार करोड़ कर दिया गया था। यह निर्णय विभागीय आयुक्त डॉ. प्रवीण गेडाम और जिला कलेक्टर जलज शर्मा द्वारा बजट की समीक्षा करने और मनपा को कुंभ मेले से संबंधित आवश्यक कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश देने के बाद लिया। संशोधित बजट आवश्यक परियोजनाओं पर केंद्रित है, जिसके परिणामस्वरूप गैर-जरूरी खर्चों में उल्लेखनीय कमी आई है।