सीएम फडणवीस (pic credit; social media)
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संवेदनशीलता के चलते एक गरीब खेत मजदूर को दुबई में मृत बेटे का पार्थिव शरीर समय पर मिल सका। एक सामाजिक कार्यकर्ता से मिले संदेश पर उन्होंने तत्काल एक्शन लिया।
सीएम फडणवीस ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से संपर्क कर दूतावास से सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाईं और पार्थिव शरीर भारत लाने की व्यवस्था कराई। इतना ही नहीं, जब उन्हें परिवार की आर्थिक स्थिति का पता चला, तो उन्होंने शव लाने में आने वाले खर्च को स्वयं वहन करने की बात कही। इसके बाद विदेश मंत्रालय ने इस व्यवस्था को सरकारी स्तर पर संभाल लिया।
दरअसल, महाराष्ट्र के नांदेड़ जिले के किनवट तालुका के आप्पाराव पेठ गांव निवासी 27 वर्षीय युवक श्याम अंगरवार दुबई की इमाद नामक कंपनी में मजदूर के रूप में काम करता था। वह अपने गरीब माता-पिता का इकलौता सहारा था।
25 सितंबर को उसने अपना जन्मदिन मनाया था, लेकिन कुछ दिन बाद ही तेज बुखार के कारण उसे दुबई के एनएमसी रॉयल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां 1 अक्टूबर 2025 को उसका निधन हो गया। भारत में मौजूद उसके माता-पिता को 4 अक्टूबर को यह दुखद सूचना मिली। अचानक आई इस खबर से परिवार शोक में डूब गया।
वनवासी कल्याण आश्रम से जुड़े सामाजिक कार्यकर्ता गोवर्धन मुंडे ने 5 अक्टूबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक मैसेज भेजकर इस घटना की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने यह संदेश पढ़ते ही तुरंत संज्ञान लिया और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से संपर्क कर जरूरी जानकारियां साझा कीं।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने विदेश मंत्रालय और दुबई स्थित भारतीय दूतावास से सतत समन्वय बनाए रखा। आवश्यक दस्तावेज, विशेष रूप से मृत्यु प्रमाणपत्र, शीघ्र प्राप्त कर प्रक्रिया को तेज किया गया।
सबसे बड़ी चुनौती पार्थिव शरीर को भारत लाने की थी। खर्च वहन करने की समस्या सामने आई। इस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्वयं निजी स्तर पर खर्च उठाने की इच्छा जताई। बाद में विदेश मंत्रालय ने यह खर्च अपने जिम्मे लिया।
रविवार सुबह श्याम अंगरवार का पार्थिव शरीर दुबई से हैदराबाद हवाई अड्डे पर लाया गया। मुख्यमंत्री कार्यालय के निर्देशों पर नांदेड़ जिला प्रशासन ने आगे की सभी व्यवस्था संभाली और पार्थिव शरीर को किनवट तक पहुंचाया गया, जहां 12 अक्टूबर को अंतिम संस्कार किया गया।
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यह मामला मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की संवेदनशील नेतृत्व शैली को दर्शाता है। एक साधारण एसएमएस से शुरू होकर दुबई तक फैली कार्रवाई की कड़ी ने यह सिद्ध कर दिया कि नेतृत्व केवल प्रशासनिक नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों से प्रेरित सेवा भी होता है। उनकी तत्परता के कारण एक गरीब परिवार को अपने बेटे के अंतिम दर्शन नसीब हो सके। यह उनके मानवीय नेतृत्व का एक सशक्त उदाहरण है।