BJP का निषेध प्रदर्शन
नागपुर. सिंधुदुर्ग जिले के मालवण में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने की घटना को लेकर मविआ नेताओं द्वारा राजनीति करने के खिलाफ भाजयुमो द्वारा राज्यभर में निषेध आंदोलन किया गया। नागपुर के गांधीगेट महल में किये गए आंदोलन में प्रदेशाध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले व शहर अध्यक्ष बंटी कुकड़े भी शामिल हुए। बावनकुले ने कहा कि घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है जिसके लिए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सहित राज्य सरकार के सभी प्रमुखों ने बार-बार माफी मांगी है लेकिन महाविकास आघाड़ी के नेता चुनाव में केवल वोटों के लिए इस घटना पर राजनीति कर रहे हैं।
शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने का वीडियो बार-बार सोशल मीडिया में प्रसारित कर शिवभक्तों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रहे हैं। उनके इस कलंकित राजनीति के खिलाफ भाजयुमो द्वारा निषेध आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिवाजी महाराज हम सभी के आराध्य देव हैं। घटना से जनता की भावनाओं को ठेस पहुंची है जिसके लिए सभी ने माफी मांगी है। बावजूद इसके मविआ के नेता राज्य में अराजकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि डिस्कवरी ऑफ इंडिया में पूर्व पीएम जवाहरलाल नेहरू ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लुटेरा कहा है क्या इसका जवाब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले देंगे।
🟧01-09 -2024 | नागपूर | माध्यमांशी संवाद
डिस्कवरी ऑफ इंडिया या पुस्तकात पंडित नेहरूंनी छत्रपती शिवरायांचा उल्लेख लुटारू म्हणून केला आहे, मध्यप्रदेशात काँग्रेसचे सरकार असताना छत्रपती शिवरायांचा पुतळा जेसीबीने पाडण्यात आला, याचे उत्तर नाना पटोले देतील का?#BJP… pic.twitter.com/tpJCek32po
— Chandrashekhar Bawankule (@cbawankule) September 1, 2024
बावनकुले ने कहा कि मध्य प्रदेश के कमलनाथ ने मुख्यमंत्री रहते हुए छिंदवाड़ा में शिवाजी महाराज की प्रतिमा जेसीबी लगाकर तोड़ दी थी क्या इसका जवाब नाना पटोले देंगे। संजय राऊत ने तो महाराज के वंशजों से उनका वंशज होने का सबूत मांगा था क्या उद्धव ठाकरे इसका जवाब देंगे। जितेन्द्र आव्हाड ने तो कहा था कि साहित्यकार अफजल खान नहीं होते तो छत्रपति शिवाजी महाराज की पहचान ही नहीं होती, अफजल खान के कारण उनकी पहचान है, क्या इसका जवाब शरद पवार देंगे।
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उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस को शिवाजी महाराज से कोई लेना-देना नहीं है, वह घटना की आड़ में कलंकित राजनीति कर राज्य में अराजकता फैलना चाहती है। मविआ के नेताओं में शिवाजी महाराज को लेकर आदर नहीं है। ये लोग महाराष्ट्र के लिए कलंक है और राज्य को कलंकित करने का काम कर रहे हैं।
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आंदोलन में मविआ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। इस दौरान विधायक प्रवीण दटके, विष्णु चांगदे, श्रीकांत आगलावे, बादल राऊत, आदर्श पटले, आशीष फुटाणे, सौरभ पाराशर, आशिष मोहिते, कुलदीप माटे, गुड्डू पांडे, अक्षय ठवकर, सनी राऊत, अंकुर थेरे, शशांक समुद्रे, अथर्व त्रिवेदी, डिंपी बजाज, शिवेष हारगोडे सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल हुए।