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नागपुर. मानकापुर थानांतर्गत गोरेवाड़ा रिंग रोड पर शुक्रवार की रात भयानक हादसा हुआ. तेज रफ्तार कार चालक ने दोपहिया वाहन पर सवार छात्र को उड़ा दिया. हादसा देख प्रत्यक्षदर्शियों के रोंगटे खड़े हो गए. उपचार मिलने से पहले ही छात्र की मौत हो गई. इस घटना से पूरे इलाके में खलबली मच गई. मृतक राजाराम सोसाइटी, जाफरनगर निवासी याहया फराज मोहम्मद जफर (16) बताया गया. याहया 10वीं कक्षा में पढ़ता था. शुक्रवार को ही उसका रिजल्ट आया था. वह अच्छे नंबरों से पास होने के कारण उत्साहित था.
पिता अधिवक्ता हैं और मां गृहिणी. परिणाम आने के बाद शुक्रवार की रात अवस्थीनगर में रहने वाली अपनी नानी का आशीर्वाद लेने गया था. रात 11.45 बजे के दौरान दोपहिया वाहन क्र. एम.एच.31-एफ.एक्स.7934 पर घर लौट रहा था. वाइट किंग मार्बल स्टोर के सामने से अवस्थीनगर की तरफ मुड़ा ही था कि विपरीत दिशा से तेज गति में सफेद रंग की कार क्र. एम.एच.31-एफ.ई.2575 के चालक ने उसे जोरदार टक्कर मार दी.
कार की स्पीड काफी ज्यादा थी. लोगों का दावा है कि कार चालक 100 से ज्यादा स्पीड में गाड़ी चला रहा था. टक्कर इतनी जोरदार थी कि याहया दोपहिया वाहन से करीब 15 फुट ऊपर उछलकर नीचे गिरा. दोबारा कार की टक्कर लगी. टक्कर लगने से उसका वाहन भी कई बार पलटी खाया. टक्कर लगने की आवाज दूर तक सुनाई दी. लोग तुरंत मदद के लिए दौड़े. कार चालक फरार हो गया. नागरिकों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. तुरंत याहया को पास के निजी अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही गिट्टीखदान पुलिस और याहया के परिजन मौके पर पहुंचे.
पुलिस ने आरोपी कार चालक के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया. सीसीटीवी फुटेज खंगाले गए. एक संस्थान में लगे सीसीटीवी में पूरी घटना कैद हुई है. उसमें साफ दिखाई पड़ता है कि याहया डिवाइडर कट से मुड़ चुका था. इसके बाद भी कार चालक ने गाड़ी का ब्रेक नहीं लगाया. जितनी तेजी से उसने टक्कर मारी उतनी ही तेजी से मौका ए वारदात से फरार भी हो गया. पुलिस गाड़ी के नंबर से आरोपी का पता लगा रही है. इस घटना से पूरा परिवार गहरे सदमे में है. याहया इकलौता बेटा था. 10वीं में पास होने से पूरा परिवार आनंदित था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. परिवार और परिसर में मातम छाया हुआ है.
सड़कों पर सौंदर्यीकरण के लिए प्रशासन ने डिवाइडर के बीच पेड़ लगा रखे हैं. पेड़ इतने बढ़ गए हैं कि सड़कों पर झुक रहे हैं. घने पेड़ों की ऊंचाई बढ़ने से मोड़ पर विपरीत दिशा से आने वाले वाहन नहीं दिखते. शहर के लगभग हर इलाके में यही हाल है. कई बार पुलिस भी इस पर सवाल उठा चुकी है. मोड़ पर पेड़ लगे होने से विजिबिलिटी कम हो जाती है. जानकारों का कहना है कि मोड़ पर कम से कम 20 फुट तक डिवाइडर पर कोई पेड़ नहीं होने चाहिए. इससे हमेशा हादसे का खतरा बना रहता है. सौंदर्यीकरण होना चाहिए लेकिन किसी की जान पर बन आए, ऐसी सुंदरता किस काम की.






