कावरा पेठ अंडरब्रिज का काम लटका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Shantinagar Ring-Road: तालमेल की कमी का खामियाजा लोगों को जीवन को खतरे में डालकर उठाना पड़ता है। रोजमर्रा की परेशानी तो अलग बात है। अधिकारियों को इससे कोई लेना-देना नहीं रह जाता है। मंजूरी नहीं मिलने का बहाना बनाना उनके लिए सामान्य सी बात है। यह समझ से परे है कि आखिर मंजूरी पूर्व में क्यों नहीं ली जाती है ताकि समय पर सारे काम हो सके।
पांचपावली पुलिया तोड़ने का मामला हो या फिर कावरा पेठ अंडर ब्रिज है। कावरापेठ फ्लाईओवर का निर्माण कैसे हुआ है यह सभी को पता है। गलत डिजाइन का खामियाजा सभी भुगत रहे हैं। अब अंडरब्रिज का निर्णम भी खतरे को आमंत्रण दे रहा है।
एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी के कारण लगभग 2 वर्ष से इसका निर्णम कार्य नहीं हो पाया है। आम पब्लिक के साथ-साथ रेल की सुरक्षा के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। आरयूबी निर्माण वाले स्थल पर रेलवे ट्रैक के निचले हिस्से में भी पानी जमा हो गया है। पुल के लिए पड़े पिलर में गहराई तक मिट्टी गायब है और यहां पर भी पानी भर गया है। यह सीधे-सीधे खतरे को आमंत्रित कर रहा है।
शांतिनगर-कावरापेठ के टी आकार वाले फ्लाईओवर के नीचे एक पिलर के बेस की मिट्टी पूरी तरह से गायब हो चुकी है। पिलर के पास ही आरयूबी के लिए गहरा गड्डा खोदा गया है। ढाई साल से ये जस की तस हालत में है। बारिश की वजह से मिट्टी कटते हुए कावरापेठ आरओबी के पिलर बेस से भी हट गई है।
काम ठप है और यहां पर कोई नजर भी नहीं आता है। कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं कराई जाती है।सरकारी अधिकारी के साथ-साथ ठेकेदार के लोग भी साइट में नहीं है। इससे समझा जा सकता है कि स्थिति क्या है। जानकारों का कहना है कि दपूम रेलवे ने आरयूबी के गर्डर बॉक्स की पुशिंग के लिए अब तक रेल ब्लॉक भी नहीं दिया है।
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विकास कार्य में इस प्रकार की उदासीनता किसी भी हाल में ठीक नहीं है। जमीनी सतह के नीचे करीब 12 फीट की मिट्टी गायब हो गई है।सतह से पिलर की ऊंचाई करीब 24 फीट है। इतनी ही रोड की नीचे सतह के नीचे भी बताई गई है। इसमें से 12 फीट की मिट्टी कट जाने के बाद जाहिर है की मिट्टी गीली होकर खतरा पैदा कर रही है।
वर्ष 2021 में शांतिनगर-रिंग रोड तक आरओबी के साथ ही शांतिनगर-कावरापेठ आरयूबी का काम भी शामिल किया गया था। प्रोजेक्ट की लागत 141.62 करोड़ है, आरओबी तैयार हो गया। 2024 में इससे यातायात भी शुरू हो गया। लेकिन आरयूबी का काम ठप पड़ा हुआ है। आरयूबी की लंबाई 450 मीटर है और चौड़ाई 5.50 मीटर है। 27 मई 2025 को दपूम रेलवे ने आरयूबी के रिलीविंग गर्डर स्थापित करने के लिए 3-4 दिन के इंतजार के बाद अनुमति दी थी लेकिन फिर अचानक कैंसिल कर दी।