गरबा इवेंट (सौजन्य-IANS)
Nagpur News: रामदासपेठ स्थित मोर हिंदी अपर प्राइमरी विद्यालय के मैदान पर आयोजित होते रहे गरबा या डांडिया के खिलाफ स्थानीय निवासी पवन सारडा ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका पर सुनवाई के दौरान 20 अक्टूबर 2023 को आयोजक रामदासपेठ प्लॉट ओनर्स रेजिडेंट एसोसिएशन ने डांडिया के दौरान बजने वाले डीजे की आवाज का नापजोख करने के लिए स्वतंत्र एजेंसी की नियुक्ति करने की स्वीकृति दी थी; साथ ही ध्वनि को निर्धारित सीमा के भीतर रखने का भी आश्वासन दिया गया था।
किंतु 21 अक्टूबर 2023 और 22 अक्टूबर 2023 को इसका उल्लंघन किए जाने का हवाला देते हुए हाई कोर्ट ने 13 अक्टूबर 2023 को गरबा के लिए दी गई अनुमति का आदेश खारिज कर दिया; साथ ही याचिका का निपटारा भी कर दिया। याचिकाकर्ता की वरिष्ठ अधि। एमजी भांगडे ने पैरवी की।
सहायक पुलिस आयुक्त ने एसोसिएशन को 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर 2023 तक गरबा महोत्सव आयोजित करने की अनुमति दी थी। इस अनुमति में यह शर्त स्पष्ट रूप से शामिल थी कि यदि ध्वनि डेसिबल सीमा सहित किसी भी नियम का पालन नहीं किया जाता है तो अनुमति रद्द कर दी जाएगी। आयोजन स्थल के पास रहने वाले याचिकाकर्ता पवन सारडा और अन्य ने 16 अक्टूबर 2023 को ध्वनि के निर्धारित सीमा से अधिक होने की शिकायत दर्ज कराई थी।
शिकायत के बाद सीताबर्डी पुलिस ने 19 अक्टूबर से 22 अक्टूबर 2023 के बीच मौके का दौरा किया और ध्वनि के स्तर को रिकॉर्ड किया। जांच में पाया गया कि ध्वनि का अधिकतम स्तर 73।8 डेसिबल से लेकर 103।9 डेसिबल के बीच था जो अनुमेय सीमा से कहीं ज्यादा था। इसके बावजूद पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने के कारण याचिकाकर्ता ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की।
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याचिकाकर्ताओं द्वारा तर्क दिया गया है कि इस उल्लंघन की स्थिति के बावजूद गरबा की अनुमति रद्द नहीं की गई और संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया। इस संबंध में 20 अक्टूबर 2023 को कोर्ट द्वारा आदेश पारित किया गया था। इस आदेश में गरबा आयोजक संगठन ने अदालत को बताया था कि वे पुलिस के 13 अक्टूबर 2023 में लगाई गई शर्तों का सख्ती से पालन करेंगे। अदालत ने पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिया था कि संगठन पर लगाई गई शर्तों को सख्ती से लागू करें और उल्लंघन पाए जाने पर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करें।