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नागपुर. ट्रेन की तर्ज पर बसों में भी कुछ लोग बिना टिकट यात्रा करने का शौक रखते हैं. इसके लिए वे अपने काम को अंजाम देने के लिए सटीक प्लानिंग भी बनाते हैं. जिससे वे टिकट के पैसे बचा सकें लेकिन एसटी महामंडल ने ऐसे लोगों से निपटने के लिए निरीक्षण टीमों की संख्या 7 से बढ़ाकर 11 कर दी है. जिससे ऐसे लोगों को पकड़कर जुर्माना वसूल किया जाए. इसके परिणाम भी आने लगे हैं. बीते एक महीने में इन टीमों ने करीब 20 हजार का जुर्माना भी बिना टिकट चलने वाले लोगों से वसूल किया है.
अधिकारियों के अनुसार उन्हें लगातार सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग बसों में बिना टिकट लिए यात्रा कर रहे हैं लेकिन कर्मचारियों की कमी के कारण वे इन लोगों पर लगाम लगाने में असफल साबित हो रहे थे क्योंकि एसटी महामंडल के ज्यादातर कर्मचारी हड़ताल पर चल रहे थे.
महामंडल सिर्फ बचे कर्मचारियों के सहारे ही बस चला रहा था लेकिन अब ज्यादातार कर्मचारी काम पर लौट आए हैं. यानी बसों को संचालित करने के लिए पर्याप्त संख्या में कंडेक्टर और ड्राइवर होने से निरीक्षण टीमों की संख्या बढ़ाई गई है. जिससे बिना टिकट यात्रा करने वाले लोगों के साथ दूसरे तरह की आर्थिक अनियमितताओं पर लगाम लगाई जा सके.
एसटी महामंडल की गाड़ियां भी अब पटरी पर दौड़ने लगी हैं. इससे सबसे ज्यादा दिक्कत निजी बस संचालकों को हो रही है. इसका सबसे बड़ा कारण किराये में वृद्धि भी है क्योंकि एसटी महामंडल ने अपने किराये में इजाफा नहीं किया है जबकि निजी बस चालकों ने किराया बढ़ा दिया है. जिससे उनको सवारियां भी कम मिल रही हैं. किराये बढ़ाने पर उनके तर्क हैं कि डीजल 100 के पार पहुंच गया है ऐसे में किराया बढ़ाना उनकी मजबूरी है. इसी कारण एसटी की बसों को यात्री ज्यादा मिल रहे हैं. प्रतिदिन करीब 380 से 390 बसें चलाई जा रही हैं.