ब्लास्टिंग से थर्राया हलदगांव-परसोड़ी क्षेत्र (सौजन्य-नवभारत)
Nagpur News: उमरेड तहसील के चांपा, हलदगांव, परसोड़ी, उटी, सायकी और आसपास के गांवों में क्रेशर प्लांट से लगातार हो रही हेवी बोर ब्लास्टिंग ने ग्रामीणों के जीवन पर गंभीर संकट खड़ा कर दिया है। इन धमाकों से कई घरों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं और जमीन भूकंप की तरह हिल रही है। इस वजह से ग्रामीणों में भय और दहशत का माहौल है।
इस संदर्भ में स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उमरेड के तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर तत्काल कार्रवाई करने और नुकसानग्रस्तों को आर्थिक मदद देने की मांग की है। हलदगांव और परसोड़ी परिसर में दर्जनों क्रेशर प्लांटों से प्रतिदिन होने वाली भारी ब्लास्टिंग से अनेक परिवारों का जीवन असुरक्षित हो गया है। ग्रामीणों ने इस पर तीखी नाराजगी जताई है। स्थानीय निवासी विष्णु पांडुरंग कुलसंगे ने कहा, हमारे घर की दीवारों में बड़ी दरारें आ गई हैं। हर दिन के धमाकों से घर कभी भी गिर सकता है, इस डर से जीना मुश्किल हो गया है।
प्रकाश मुकुंदा वलके ने कहा, हेवी ब्लास्टिंग के कारण हमारा घर रहने लायक नहीं बचा। प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई नहीं की तो कोई बड़ी दुर्घटना हो सकती है। सत्यपाल शामराव आडे ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, स्फोटों से हमारे घरों को भारी नुकसान हुआ है। रात में हमें नींद नहीं आती, हर वक्त डर बना रहता है। सुधाकर लहू कुलसंगे ने कहा, हमें बच्चों की सुरक्षा की चिंता सता रही है। प्रशासन को ब्लास्टिंग बंद कर हमारी भरपाई करनी चाहिए।
वंदना राजहंस मेश्राम ने कहा कि, हमारे घरों की दीवारों पर पड़ी दरारें देखकर हम दहशत में आ गए हैं। अब हालात असह्य हो चुके हैं। अक्षय चंद्रमणी सहारे ने चिंता जताते हुए कहा, हर बार धमाके से जमीन हिलती है, जैसे भूकंप हो। घरों को नुकसान हुआ है और आगे कोई बड़ी घटना हो सकती है। किलेश किशोर कुशराम ने कहा, प्रशासन को तुरंत हमारी समस्याएं सुनकर समाधान करना चाहिए।
रणवीर बाजीराव आडे ने भी रोष व्यक्त करते हुए कहा, घर टूट रहे हैं, पर कोई जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है, हमें न्याय मिलना ही चाहिए। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि ब्लास्टिंग से केवल मकानों का नुकसान नहीं हो रहा, बल्कि धूल और खराब सड़कों के कारण उनका रोजमर्रा का जीवन भी असहनीय हो गया है।
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पूर्व सरपंच अतिश पवार ने तहसीलदार को सौंपे गए ज्ञापन में कहा कि, क्रेशर प्लांट की हेवी ब्लास्टिंग से ग्रामीणों की जान खतरे में पड़ गई है। घरों में दरारें पड़ रही हैं और धमाकों से लोग भयभीत हैं। प्रशासन तत्काल कार्रवाई कर ब्लास्टिंग बंद करे और प्रभावितों को आर्थिक सहायता प्रदान करे। इससे अब ग्रामवासियों ने उम्मीद जताई है कि प्रशासन अब ठोस कदम उठाएगा। अब सबकी निगाहें इस पर हैं कि ग्रामीणों की पीड़ा दूर करने और अनियंत्रित ब्लास्टिंग पर रोक लगाने के लिए प्रशासन कौन से कदम उठाता है।